
योग ही जीवन है।योग का मतलब सिर्फ अपने शरीर को इधर-उधर मोड़ना नहीं है ।अगर आप शांति से सिर्फ और सिर्फ बैठते भी हैं।
वह भी एक तरह से योग ही है।आप सिर्फ सबसे पहले बैठना सीखें ,क्योंकि हम लोग शांति से बैठना ही भूल गए हैं ।
इसलिए अगर हम सिर्फ शांति से बैठते हैं। वह भी योग ही है।
योग में हम सोचते हैं की योग 1 एक्सरसाइज है और हम अपने शरीर को कई तरह से एक्सरसाइज के द्वारा मोड़ते हैं
परंतु योग में केवल ओम का जाप करना भी योग है ।अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं। तो शांति से बैठ कर केवल ओम का सही तरीके से उच्चारण करें ।
वह भी योग से कम नही।
सदगुरूजी कहते हैं कि सबसे पहले हमें सिर्फ बैठना ही सीखना चाहिए। आजकल के युग में लोग 10 मिनट भी जमीन पर नहीं बैठ पाते हैं। हिलते डुलते रहते हैं।

सबसे पहले बैठना सीखिए। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं ।और भी अच्छी बात है।जब हम योग कर रहे होते हैं तो हम सोचते हैं।कि सबसे पहले हम अपने दिमाग को शांत करना चाहते हैं।