
हर आदमी को यदि कुछ चाहिए तो बस वह उसका अपना अस्तित्व
जब भी किसी से बात करो वह सिर्फ अपनी ही बात करता हें। वह समझता हें।
जिंदगी में जो कुछ भी हें। बस वही हें। उसे अपने से ही मतलब हें।
हर ओर वह अपनी धाक जमाना चाहता हें। वह चाहता हें। सब उसकी सुने।
केवल उसकी बात मानें। सबको अपनी में होने पर गुमान हें।
वह सोचता हें की कोई उसकी बराबरी नहीं कर सकता। मैंने उसी के बारे में कुछ लिखने की कोशिश की हें। उम्मीद करती हूँ आपको पसंद आएगी।
मैं ही मैं हूँ
मैं शब्द ही बहुत बड़ा है, जिसमें सिर्फ मैं ही मैं हूँ।
आ जाये दिल में जब, तो शक्ति और समृद्धि में हूँ। चाहे कोई कुछ कहे या समझे, फर्क ना कोई पड़ता है।
चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए, सब ऐसे ही चलता है। दुनिया की ना परवाह है, बस जहां देखो वहां मैं हूँ।
आ जाए यह दिल में जब तो, शक्ति और समृद्धि में हूँ। नौकर चाकर की बिसात ही क्या?
कोई कुछ कह दे औकात है क्या? इतना गुरुर इतना घमंड जब, आ जाए तो बात हैक्या? सब मेरी सुनो जो मैं जिससे कहूं, जहां देखूं वहां मैं हूँ। रिश्तेदार या नातेदार, काम करने वाले या और कोई। कोई है ना मेरे बराबर का, कमजोर है वह बराबर न कोई।
छोड़कर रिश्ते नाते को , जहां देखो वहां मैं हूं। आ जाए यह दिल में तो, शक्ति और समृद्धि में हूं।
कर्मचारी की मजबूरी, हां में हां मिलाना था जरूरी। डर है उसे नौकरी का, इसलिए चुप रहना भी जरूरी।
छोड़कर सारे झंझटो को ,जहां देखो वहां मैं हूं। आ जाए दिल में जब तो, शक्ति और समृद्धि में हूँ।
कोई भी ना कुछ कह सकता, हो तो इंसान ही तुम भी। छोड़ो घमंड यह अच्छा नहीं ,करो ना अपमान तुम भी।
अपमानित करके खुश हो, जहां देखो वहां मैं हूं। आ जाए यह दिल में जब ,तो शक्ति और समृद्धि में हूँ।
तुम करते हो जिस पर घमंड, कभी तो किसी से मिला था तुम्हें। यह सब तुमने ना बनाया था, जो कुछ भी यहां मिला था तुम्हें।
इसलिए रहो धरती पर ही, बोलो ना कहीं मैं ही मैं हूं। आ जाए यह दिल में जब , तो मैं ही शक्ति ओर समृद्धि में हूं।
आज कहा तुमने बातों में, कोई सामने ना तुम्हारे बोल सकता। क्या क्या रिश्ते नाते वाले, कोई भी कुछ नहीं कह सकता।
हंसी आ रही थी मुझे क्या ,बात है कि मैं ही मैं हूं। आ जाए यह दिल में जब, मैं ही शक्ति समृद्धि हूं।
छोड़ दो इस मेँ को यह, अच्छी नहीं मुसीबत है। अपनों से दूर करने के लिए, यह एक अकेली आफत है।
सोचो पहले और समझ कर करो, बोलो ना मैं ही मैं हूं। आ जाए दिल में जब तो शक्ति और समृद्धि में हूँ।