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आओ आज हम कुछ नया करते हें

इस वर्ष हम नए साल मैँ सोचें।

और कुछ नया और अच्छा करें ।

जो हमारे काम के लिए ,हमारी सेहत के लिए एवं

हमारे सुखी व समृद्ध भविष्य के लिए और हमारे परिवार के लिए हो ।  हम आज कुछ, नया करते हैं। जो अधूरे काम छोड़े, उन्हें पूरा करते हैं। जीवन की कुछ ऊंचाईया ,रह गई थी गगन छूने की। बिज़नेस में कुछ पाने की , समझाने की, बताने की।

उन सब का हिसाब लगाकर, नए नियम बनाते हैं।  अभी तो हम बहुत छोटे हैं, तय करी ना कई मंज़िल हमने। कठिन समझ कर छोड़ दिया,मेहनत भी ना कि हमने। तय करी हुई मंजिलों को, हम फिर से प्राप्त करते हैं।  दिखाना है बहुत लोगों को, हम क्या हैं ? यह ना समझोगे। यह तो उत्तर है, जो देना है, ना समझो को समझाना है।

थोड़ा सा जोर लगाकर हम, छूटे कामों को करते हैं। आओ हम आज कुछ, नया करते हैं। विरोधी हरदम सोचते हैं, क्या चल रहा है हमारे धंधे में ? क्योंकि आजकल काम नहीं, परेशान हैं सब इस मंदे में। पर उनको क्यों बताए हम, नहीं फ़ुरसत हर दम, हम काम करते हैं। आओ हम आज कुछ, नया करते हैं। जिंदगी क्या जिसमें कोई, तरक्की ना हो। काम क्या जिसमें कोई, प्रेम ना हो। जिंदगी में काम ही सब कुछ है, हम खाली ना कभी बैठते हैं।  आओ आज हम कुछ,नया करते हैं।  हरदम अपने में एक आग, महसूस करो। कहीं पहुंचने के सपने देखो, सोचो और पूरा करो। सपने वाले कामों को, पूरा कर, आग ना बुझने देते हैं। आओ हम आज कुछ,नया करते हैं।

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