
इस वर्ष हम नए साल मैँ सोचें।
और कुछ नया और अच्छा करें ।
जो हमारे काम के लिए ,हमारी सेहत के लिए एवं
हमारे सुखी व समृद्ध भविष्य के लिए और हमारे परिवार के लिए हो । हम आज कुछ, नया करते हैं। जो अधूरे काम छोड़े, उन्हें पूरा करते हैं। जीवन की कुछ ऊंचाईया ,रह गई थी गगन छूने की। बिज़नेस में कुछ पाने की , समझाने की, बताने की।

उन सब का हिसाब लगाकर, नए नियम बनाते हैं। अभी तो हम बहुत छोटे हैं, तय करी ना कई मंज़िल हमने। कठिन समझ कर छोड़ दिया,मेहनत भी ना कि हमने। तय करी हुई मंजिलों को, हम फिर से प्राप्त करते हैं। दिखाना है बहुत लोगों को, हम क्या हैं ? यह ना समझोगे। यह तो उत्तर है, जो देना है, ना समझो को समझाना है।
