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आओ मनायें होली

यह मैंने होली पर लिखी थी। होली रंगों का त्योहार है।

होली आई है रंगों में होकर सरोबार।

होली पर सब मिलकर मनाएं,

हम रंगों का त्योहार,

दूर कर सारे गिले-शिकवे ,

हो जाए रंगों में सरोबार।

खेले होली गुलाल से,

रंग बिरंगे रंगों से,

गूँजी खायें,पीयें ठंडाई,

दही भल्ले और खायें मिठाई।

शोर मचाए,गीत गाए,

होली पर नाचे गाए।

क्यों ना हम सब मिलकर,

दिल की कड़वाहटों को,

खत्म कर पाए।

एक दूजे के करीब आए,

सुख दुख में साथ निभाए।

होली के बहाने हम सब,

अपनी जिंदगी रंगीन बनाएं।

होली रंग बिरंगी है,

उत्सव की पहचान है।

दुख दर्द को भूलने के लिए,

उत्सव जिंदगी की जान है।

जिंदगी में उत्सव होना,

जरूरी है जीने के लिए।

और मनाये होली आनंद के,

रंग में डूबने के लिए।

देखो देखो यह अबीर,

गुलाल उड़ा आ रहा है।

रंग बिरंगे चेहरे दिखा रहा हें।

रंग बिरंगे कपड़े,रंगीन ज़िंदगी,

देखो कितना मज़ा आ रहा हें।

होली में रंग अनेक,

जिंदगी के बता रहा है।

लाल रंग प्यार का,

हरा रंग लगता है,

सावन आया।

पीला रंग बसंत में,

हर कली हर फूल महकाया।

खुशियां भर कर जीवन को,

रंगों से रंगीन बना लो।

अंधेरे में,गमों में,

डूबे जो बैठे हैं।

थोड़ी खुशियाँ उन,

पर भी बिखरालो।

होली का त्यौहार,

प्यार के साथ।

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