top of page

एक अधूरी मुलाकात

एक अधूरी मुलाकात, फिर से करते हैं।

जो जहां छोड़ी थी, समय के साथ, वह पूरी करते हैं। उस मुलाकात में जो कहना था, कह ना सके।

दिल की बात जुबान पर ना आयी , बता ना सके।

बताकर हाल अपने दिल का , हम बात करते हैं। एक अधूरी सी मुलाकात, फिर से करते हैं।

उस मुलाकात में बताना था। तुम्हें अपने बारे में।

अपनी अच्छाइयों और बुराइयों के बारे में। कभी ना हो जिंदगी में कोई सवालात करते हैं।

एक अधूरी सी मुलाकात, फिर से करते हैं। उस मुलाकात में दिखाना था ,अपने शौक को।

अपनी ख्वाहिशों और फरमाइशों को साझा करते हैं। एक दूजे को समझ सके, वो सारी बात करते हैं।

एक अधूरी मुलाकात, फिर से करते हैं। उस मुलाकात में समझाना था, अपने कामों को।

कहां करती हूं, और क्या करती हो, यह बताना था। क्या है मेरा रुतबा, वह बताने में गर्व करते हैं।

एक अधूरी सी मुलाकात, फिर से करते हैं। उस मुलाकात में करनी थी, परिवार की बातें।

वो कैसे हैं, मैं कैसी हूं ,यह व्यवहार की बातें। कैसा है मेरा रिश्ता, वह मुझ पर घमंड करते हैं।

एक अधूरी सी मुलाकात, फिर से करते हैं।

उस मुलाकात में समझाना था रिवाजों को। बड़ों का आदर और छोटों को प्यार करते हैं। हमारा घर है स्वर्ग,

इस दुनिया में हम उस पर नाज करते हैं।

एक अधूरी मुलाकात फिर से करते हैं।

0 दृश्य0 टिप्पणी

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें
bottom of page