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एक प्याली चाय

अपडेट करने की तारीख: 27 जन॰ 2022



चाय एक चाह है।

हर किसी की एक ही चाह एक प्याली अदरक वाली चाय ।


एक प्याली चाय कब सब की चाहत बन गई पता ही नहीं चला। हर सुबह की एक ही शुरुआत एक प्याली चाय।

कुछ भी कहो उसे एक प्याली चाय में आनंद छुपा हुआ है ।

ठंडी हवा चल रही हो, हल्की-हल्की बूंदे आ रही हो ।पकोड़ो की खुशबू आ रही हो, उस समय में एक प्याली चाय

दुनिया की सबसे प्रिय चाय होती है ।और वह पकोड़ो में जान डालने वाली भी वही एक प्याली चाय होती है।

जब हमसफर साथ हो, दोनों बालकनी में बैठे हों। रेडियो पर पुराने गीत बज रहे हो ,तब एक प्याली चाय की चुस्की

की बात ही अलग है। रोमांस का एहसास दिलाने वाली चाय ।

जब काफी समय से बिछड़े दो दोस्त मिल रहे हो। कुछ कह रहे हो, कुछ सुन रहे हो, तब उनसे पूछे कि आप क्या लेंगे ?

उस समय वह सिर्फ यही बोलेंगे एक प्याली चाय अदरक, इलायची, कूटकर, हो सके तो मलाई मार कर ,मजा आ जाएगा ।

जब बहुत दिनों बाद सहेली आई हो स्कूल से कॉलेज तक की बात चल रही हो।

तो उसकी भी सिर्फ एक ही

चाहत होती है।

एक प्याली चाय मां के हाथों वाली।

चाय की महिमा बहुत बढ़ गई है।

चाय के विशेष गुण

1 . बुखार हो तो एक प्याली चाय तुलसी, अदरक, काली मिर्च ,वाली चाहिए।

2 . जुकाम खांसी हो तो एक प्याली चाय नींबू वाली सोते समय अदरक, काली मिर्च के साथ बहुत प्रभावी है।

3 .थक गए हो तो भी एक प्याली चाय ताजगी लाने के लिए चाहिए।

4 .सिर दर्द है तो भी एक प्याली चाय सिर दर्द भगाने के लिए चाहिए।

5 .लूज मोशन है तो भी एक प्याली चाय सादे पानी के साथ या एक चम्मच सुखी चाय पानी के साथ चाहिए।आपको आराम आ जाएगा।

6 .एक प्याली चाय दोस्त से बात करने के लिए। पुरानी यादों को ताजा करने के लिए,भुला हुआ वक्त याद करने के लिए,चाय तो बहाना है।मन तो वक्त साथ में बिताना है।

7 .एक प्याली चाय अनजान को अपना बनाने के लिए ,वरना अंजान भी बुरा मान जाते हैं कि उन्होंने चाय के लिए भी नहीं पूछा।

8 . पत्नी के लिए एक प्याली चाय प्यार बढ़ाने के लिए।

9 . किसी को सिर्फ यह कहना कि आप आओ ना, एक एक कप चाय पिएंगे। पर इस बात में बहुत कुछ छुपा है ।

बातें छुपी है, मुलाकातें छुपी हैं, तन्हाई छिपी है। कई राज छुपे हैं।

अब तो समझ ही गए होंगे कि यह चाय की प्याली ही नहीं हमारी चाहत की प्याली है ।

कोई कहता है चाय मत पियो।

कोई कहता है खाली पेट मत पियो।

कोई कहता है चाय पीना गंदी आदत है।

पर हम क्या करें मजबूर हैं। उस एक प्याली चाय के लिए जो हमारी सुबह वही है। और हमारी शाम भी वही है।


सब कुछ के बिना रह सकती हूँ। पर चाय के बिना नामुमकिन है।

कौन सी चाय पीनी है। यह तो आप पर है। टाटा की है ,खुशबू की है ,ताजा की है,ताजमहल की है।

बहुत सारी हैं।आप कोई भी पी सकते हैं बस चाय होनी चाहिये।

पर बिना चाह जीवन बेकार है।

चाय है तो चाह है, चाह है ,तो चाहत है।


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