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एसिड टेस्ट क्या होता है?


एसिड टेस्ट कैसे होता है?

यह कैसा टेस्ट है। जो यह बताता है कि हमारे शरीर में कितना एसिड बन रहा है।

जो कि गले में खट्टी डकार के रूप में,छाती में जलन के रूप में,सामने आता है।

एसिड क्यों बनता है?


1.जरूरत से ज्यादा चाय पीने से एसिड बनता है।

2.या भूखा रहने से भी एसिड बनता है।

3.ज्यादा तनाव करने से चिंता करने से भी ऐसे बनता है।

4.ज्यादा खट्टा खाने से भी ऐसे ही बनता है। 5.और ज्यादा मीठा खाने से भी एसिड बनता है। 6.कभी-कभी जरा सी मिठाई से भी एसिड बन जाता है।यह नैनो टेक्नोलॉजी की तरह काम करता है।

जरा सा मीठा, भी एसिड बना देता है।


ऐसे टेस्ट के बारे में सोच रहे हैं।


यह सफलता का एसिड टेस्ट है।


हमारी सफलता का एसिड टेस्ट क्या है ?

और यह सफलता किस पर निर्धारित हैं?


हमारे रिश्ते, हमारी सेहत, और हमारा व्यवसाय, और कार्यक्षेत्र जब हम इस टेस्ट के बारे में सोचेंगे।

स्वास्थ्य,रिश्ते और व्यवसाय सभी में उलझ जाएंगे।

उस का पैमाना कैसे नापेंगे कि हम इन में कितने सफल हैं ?


ऐसे टेस्ट का अर्थ है हमारे मन की शांति।

क्या हमारा मन शांत है?

वह पल क्या हमारी जिंदगी में है?

जब हमारा मन शांत रहता है।विचलित नहीं होता है।

क्या वह पल हमारी जिंदगी में है?

जब हम अपनी भावनाओं को दबाते नहीं। और ना ही उनसे उत्तेजित होते हैं।


क्या हम हमेशा अपने दिमाग को शांत महसूस करते हैं?

ऐसे टेस्ट का पैमाना यानी डेडलाइन क्या है?


जब भी हम किसी कार्य को करते हुए,रिश्तो को निभाते हुए, अपने शरीर से दिनचर्या का कार्य करते हुए, मन में शांति महसूस करते हैं।


तो हम यह समझ सकते हैं कि हम सफलता के बिल्कुल करीब हैं।


मन की शांति है। हमें तभी होती है।

जब हमारा व्यवहार दयालु हो।

जब हमारे काम पारदर्शी हो।

जब हमें अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा हो।

जब हमारे विचार, कार्य और जो हमने कहा उसमें पूरा तालमेल हो।

जब हम सब काम इमानदारी से बिना दिल दुखाए करें।

इसके विपरीत व्यवहार हमारी शांति भंग करने में सहायक है।

जैसे हमारे कार्य और विचार वही करें।जिससे लोगों को धोखा दे सके। उनका अहित कर सके। तो हमारी बेचैनी और मन का विचलित होना लाजिमी है। उसे रोका नहीं जा सकता।


मन की शांति में बाधक कारण

कम तोलना या नापना, बेईमानी करना, बिना जानकारी वाले काम में कूद पड़ना।


फिर मन की शांति खराब कर लेना।

दूसरे के प्रति कटुता और नफरत की भावना।

दूसरों का नुकसान करने के भाव से कार्य करना। किसी का अपमान करना।

बेवजह किसी का दिल दुखाना।किसी के हित के लिए झूठ बोलना।

दूसरों को नीचा दिखाने के लिए उसकी कमजोरी लोगों को बताना।

लोगों से बेवजह नफरत करना।

शांति में बाधक कारणों की लिस्ट बहुत लंबी है।


मन की अशांति यानी हमारे शरीर में, मन में,दिल में,दिमाग में, एसिड का भंडार भरा है।


और हमें उसका उपचार करने की जरूरत है। अगर आप ऐसा महसूस करते हैं।तो यह आपके लिए सोच का विषय है।


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