अपडेट करने की तारीख: 20 जन॰ 2022

कामयाबी किसी को विरासत में नहीं मिलती।
सब को अपने आप हाँसील करनी पड़ती है।
कल जो मुझे गरीबी का ताना देते थे।
आज वह कहते हैं। मैं किस्मत की कितनी धनी हूं।इसलिए ही तो अब कितनी खुश हूँ।
शायद मैंने पिछले जन्म में मोती दान किये है।
पर वह क्या जाने इस गरीबी का लेबल हटाने के लिए हमने कितने जतन किए। कितनी मेहनत की। यह खुशी कोई एक दिन में नहीं मिली।इस खुशी को प्राप्त करने में बर्सों लग गए।
ज़िंदगी कितनी जल्दी बीत रही थी।
पता ही नहीं चला।जब लोग सोये होते थे।हम तब भी काम कर रहे होते थे।उस समय काम ही ज़िंदगी था।और काम ही पूजा था। उसके अलावा कुछ सूझता ही नहीं था।यह जंग तब तक कायम रही।जब तक अपना मुकाम हाँसिल नहीं हो गया।
अगर हमारी नीयत साफ हो तो हमें तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता। यह मैँ अपने अनुभव से बता रही हूँ।
आज हम कामयाब हो गये।जो चाहते थे।वह पा लिया।पर यह नहीं की कामयाब हो गए तो काम छोड़ दिया नहीं वह तो जारी है। जारी रहेगा,जब तक शरीर चल रहा है।रिटायर होने का तो कोई सवाल ही नहीं है।
कामयाबी की चाबी सबके पास होती है।परंतु आप की चाबी का ताला सही होना चाहिए।अगर आप के ताले का नंबर आप ने सही नही लगाया तो ताला नही खुलेगा।
उस ताले के सारे नंबर उसमें फिट होने चाहिए अगर एक भी नंबर सही नहीं तो आप कभी भी उस ताले को नहीं खोल पाएंगे।
आप अपने को कामयाब करने के लिए क्या करते हैं।यह आप पर ही निर्भर है।कोई और आ कर आपको कामयाब नही करने वाला।कहीं आप इंतजार कर रहे हो की शायद कोई चमत्कार हो ओर कोई आकर आप को कामयाबी दिला दे। उसके लिए मेहनत आप को ही करनी पड़ेगी।
