
देश के हालात बनाने में भी,
किसानों की भूमिका बनी।
अब देश की नाक कटाने में,
भी किसानों की योजना बनी।
कहते हैं ट्रेक्टर रैली निकालेंगे,
चाहे शांति से जाएंगे।
पर देश और दुनिया में,
भारत की नाक कटवाएंगे।
कितनी मुश्किल से मिली,
आजादी में हाथ उनका भी था।
पर अब क्या? कैसे हो रहा?
क्यों न समझे जो बुरा था?
अन्नदाता कहलाते हो तो,
क्या तुम अन्न नहीं खाते?
देश की इज्जत के खातिर,
फिर कैसे योजना बनाते?
लाखों टैक्टर निकालकर,
क्या दिखाते हो दुनिया को।
यह तो कोई आंदोलन नहीं,
जो दिखा रहे तुम दुनिया को।
किसी भी प्रस्ताव को ना माने,
अपनी जिद पर अड़े हो तुम।
यह सब क्या ड्रामा चल रहा,
क्या क्या जो कर रहे हो तुम?
26 जनवरी ही क्यों चुनी,
क्या तुम्हें देश की फिक्र नहीं।
तुम कब समझोगे,कब जानोगे,
कहीं भी इसका जिक्र नहीं।
देश सिर्फ मेरा ही नहीं,
मुझसे ज्यादा तुम्हारा रहेगा।
तुम देश की शान बने,
तो गर्वित हिंदुस्तान रहेगा।
जो आए बहकावे में,
तो सारी इज्जत खो दोगे।
गर्व है जिस मिट्टी पर,
उसकी भी आबरू खो दोगे।
जय जवान जय किसान,
किसने भरे तुम्हारे कान।
देश के रक्षक बनों हमेशा,
ना हो देश का कुछ नुकसान।