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किसान कानून

अपडेट करने की तारीख: 24 जन॰ 2022


किसान कानून के बारे में कभी ये सोचते थे कि किसान कानून बनना चाहिए। वही लोग आज किसानों को गुमराह कर रहे हें। वैसे भी जब हम कोई अच्छा काम करते हें तो उसका विरोध तो होता ही हें। लेकिन दुख की बात यह हे कि वही ये सब कर रहे हें जिन्होंने किसानों को कभी तरक्की नहीं करने दी। ओर आज जब सरकार उनके लिए सही कानून बना रही हे तो वही लोग उन्हें भ्रमित कर रहे हें।अगर उन्होंने सही कानून के बारे में किसानों को समझाया होता तो ये आंदोलन होता ही नहीं।

परंतु जिस किसान आंदोलन की ये दुहाई दे रहे हें वह परेशानी का सबब उन एजेंटों का हें। जिन्हें फसल बेचने में उनकी कमीशन खत्म हो रही हें। किसान उनकी मदद के बिना अपना समान बेच सकता हें। और जो शोर मचा रहे हें वह कोई और नहीं वही एजेंट हें।

और उनका जो साथ दे रहे हें वही देश विरोधी ताकतें हें।जिनको अपनी नीव उन्हें हिलती नजर आ रही हें। और कुछ सरकार विरोधी भी बड़ी सिद्दत से इनके साथ हें। अपनी किस्मत चमकाने में लगे हुए हें । किसान कानून के विरोध में खड़ा होने के लिए ही वह किसानों के साथ हें।

किसान कानून

किसान कानून में क्या है ? जानते हो क्या ?नहीं तो, किस किसने बनाया यह कानून ? जानते हो क्या ? नहीं तो,  

क्यों बनाया गया यह कानून जानते हो क्या?नहीं तो, जागो और जानों , जानना जरूरी है कानून को | नहीं तो कैसे समझोगे, बना है उस कानून को आज बैठे धरने प्रदर्शन पर , उस काम में वह साथ ही थे | आज बात से मुकर रहे, उस दिन के समर्थन साथ में थे| यह कानून नहीं किसान और देश को बढ़ाने का रेबयुलेशन है| इन को नहीं पसंद ये कानून, इसलिए कंफ्यूजन है जो बदलाव बताएं, उस पर सरकार भी राजी है फिर भी तुम जिद पर अड़ रहे , यह कैसी नाराजी है| कानून रद्द की आड़ में तुम, सीधे सरकार से लड़ रहे यह देशद्रोह के समान है, काम जो तुम कर रहे हैं कानून देश में दो तिहाई, बहुमत की सरकार बनाएं पर तुम बिना बात टकरा कर, रद्द करो जो सरकार बनाएं यह तो बिना किसी वजह, सरकार से अटक लड़ाई है वह किसी भी बात से ना सहमत, ना ही राजी की मंशा है उन्हें तो बस कानून रोकना, देश में विद्रोह की मंशा है सारे रास्ते रोकेंगे, वह ट्रेनों को ना चलने देंगे किसानों के भले की आड़ लेकर, वह देश को क्या रोक लेंगे लेकिन सरकार बहुमत की, कमजोर मत समझना मांगे तुम्हारी देशद्रोह की, मजबूर ना उसे समझना तुम पूरा कानून ही किसान हित में , बदलाव फिर क्या होगा।

नुकसान सिर्फ बिचौलियों का, किसानों को तो फायदा होगा तुम तो देश प्रेमी हो, तुम नहीं तो कौन समझेगा ? तुम्हारी हालत पर मोदी नहीं, तो और कौन फैसला लेगा ? वह तो चाहते हैं किसान भाई, हर दम फूले फलें पर देश के गद्दार चाहते हैं वह ऐसे ही परेशान पलें जागो मेरे देश के किसानों, सौगंध तुम्हें है माटी की साथ ना देना, देशद्रोहियों का, सौगंध तुम्हें भारत मां की रोज जो नुकसान हो रहा है, वह हम सब को भरना है फिर साथ छोड़ क्यों नहीं देते , जिन्होंने गलत ही करना है सोचो मेरे किसान भाइयों, तुमसे है मेरे देश की शान,

जय जवान जय किसान किसने भरे तुम्हारे कान


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