
इस बार का कोरोना,
पहले से अलग है।
पिछली बार जो था,
अब उससे अलग है।
पिछले लॉकडाउन में,
पकवान बन रहे थे,
लोग रोज नित नये,
व्यंजन बना रहे थे।
अब लोग घर में बैठे,
चिंता कर रहे हैं।
मत होइए परेशान,
संभाल लो अपने को,
दूरी बनाकर रखें,
घर में रखना अपने को,
कालाबाजारी इस बार,
दवाओं की हो रही है।
ऑक्सीजन अचानक,
मिल नहीं रही है।
जगह नहीं अस्पतालों में,
मिल रही है।
करो ना चिंता,
सबको नहीं है जरूरत,
अस्पतालों में ऑक्सीजन की।
हम सब घर में,
ठीक हो सकते हैं।
अपनों के प्यार और देखभाल,
से जल्दी ही स्वस्थ हो सकते हैं।
सब कहते हैं,
कोरोना ने हम सबको,
अपनों से बहुत दूर कर दिया।
गलत कहते हैं।
वह सब जो ना मिलते थे,
महीनों और सालों में,
अब वो भी फोन कर,

पूछ रहे हैं।
आप ठीक तो है ना,
हमें आपकी फिक्र है।
अब वो भी सब अपनों के,
लिए दुआ और,
प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रभु मेरी व मेरे परिवार की,
मेरे अपनों की,
सबकी रक्षा करना।
देखो हम सब,
कितने करीब हैं।
फिर ना कभी,
यह समझना कि,
हम बहुत दूर हो गए हैं।
हम हमेशा करीब हैं।
और कहीं भी रहेंगे,
करीब ही रहेंगे।