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कोरोना का कहर

कोरोना की वापसी 

हर महामारी का दूसरा दौर आता है।

कोरोना का भी दूसरा दौर आ गया है।

सोचने का समय आ गया हें। कैसा वक्त हें।

ना अस्पताल में जगह हें।

ना शमशान में,हर जगह अफरा तफरी का माहोल हें।

सब परिजन परेशान हें।

अपनों के इलाज एवं उनके स्वास्थ्य के लिए।

अस्पतालों में बहुत मरीज हें।

और bed कम,शमशान में मृतक ज्यादा हें।

जगह कम हें।में आप को डरा नहीं रही हूँ।

सिर्फ सबकी फिक्र हें।

कृपया अपना एवं अपनों का ध्यान रखिए।

अभी एवं इस वक्त यही सब से जरूरी हें।

मास्क पहनिये,लोगों से दूरी बना कर रखिए।

हो सके तो बेवजह घर से बाहर ना जायें।

कोरोना का कहर

दुख है,सब ने जो सीखा पिछले साल,

भूल गए सब जल्दी,

जो बीता पिछले साल।

दूरी बनाना भूल गए।

बाहर खाना जारी है।

मास्क की तो बात न पूछो,

मुहँ से नदारद रहना जारी है।

फिर से लॉकडाउन से पहले,

अपने को ही लॉक कर लो।

बनाकर दूरी,सब मजबूरी,

में रहना शुरू कर लो।

यकीन है हम सब इस बार भी,

कोरोना से जीत लेंगे।

अपनों को बचाकर,कोरोना को मात देंगे।

11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक,

टीके का उत्सव मना हरा लेंगे।

कोरोना को अपने देश से,

जल्दी भगाने में सफल होंगे।

रात को बेवजह घर से,

बाहर ना निकलेंगे,कोरोना करफू,

को मान कर,हम घर में ही रह लेंगे।

आइए हम सब मिल,

कर कोरोना को हरायेंगे।

जीत कर कोरोना से,

सब लोगों को बचायेंगे।

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