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कोरोना की दूसरी आहट



अभी तो कोरोनावायरस,

गया भी न था।

अभी तो हम सब उसके प्रकोप,

से सम्भले भी न थे।

फिर से उसकी आहट,

आनी शुरू हो गई।

सन्नाटा सा आ गया है,



जिंदगी में जब खबर शुरू हो गई।

बच्चे तो पहले से ही,

व्याकुल हैं स्कूल के लिए,

घर में रहते रहते परेशान हैं,

बाहर जाने के लिए।

लॉक डाउन की स्थिति ,

आने से पहले संभल जाओ।

देखो फिर से एक दूसरे,

से दूरी बना जाग जाओ।

नियमों को मानो उनका पालन करो।

अपनी सेहत स्वास्थ्य की,

स्वयं ही फिक्र करो।

हम सबको कोरोनावायरस से,

बचना और बचाना है।

इसे फैलने से पहले हमें ,

रोकना और रुकवाना है।

डर है यह फिर से अर्थव्यवस्था,

ना खराब कर दे।

पहले से ही परेशान हैं ,

उन्हें परेशान कर दे।

अभी तो व्यापार संभला,

भी नहीं दस्तक फिर आ गई।

व्यापारियों के चेहरे पर चिंता,

फिक्र की लकीर आ गई।

अभी तो वह संम्भले ही नहीं,

जिन्होंने खोया अपनों को।

उनको तो पूछा ही नहीं ,

जो व्याकुल है पूरा करने सपनो को।

पर करो ना चिंता फिक्र इतनी ,

पहले स्वयं को संभालो।

अपने को स्वस्थ रखने के ,

सब कदम पहले ही उठा लो।

जिंदगी को बचाकर सब ,

कुछ फिर संभाल लेंगे ।

अपनों को संभाल कर,

सब कुछ फिर बना लेंगे।


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