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कोरोना कैसे होता है


कोरोना तो वही है,पिछले साल वाला।  

सब की खुशियों,में ग्रहण लगाने वाला।

कोरोना तो वैसा ही,अंदाज अलग हैं।

तकलीफ इसी बात की है।

चारों तरफ से बीमारी,

और मौत की जो खबर मिलती है।

दुखदाई होती है,हताशा से भरा माहौल,

बस दर्द देती है।

जहां भी फोन करो,कोई ना कोई,

खबर सुना देता है।अपना नहीं तो पड़ोसी,

के जानकारों का हाल सुना देता है।

अच्छी खबरों का तो,

जैसे अकाल ही पड़ गया है।

इसी वजह से tv देखना,

हमने बंद कर दिया है।

यह खबर ही हैं।

जो डर का माहौल बना देती हैं।

अच्छे खासे आदमी को,

बीमार बना देती है।

जरा सी खांसी आ गई,

चेहरे पर चिंता फिक्र उदासी आ गई।

सिर दर्द या बदन दर्द एवं,

बुखार का नाम सुनते ही,

चेहरे का रंग बदल,जाने का काम।

जैसे ही इनमें से कोई,एक लक्षण आ जाता।

शरीर मैं सब कुछ,अंदाज बदल जाता।

अचानक डर से सांस फूल जाती है।

धड़कन भी डर से ज्यादा बढ़ जाती है।

ब्लड प्रेशर बढ़ जाना,कोई बड़ी बात नहीं।

सब का सब सिस्टम,

पल भर में बदल जाता है।

यह दिमाग ही है जो,

कोरोना को और करीब बुलाता है।

सारे लक्षण खुद ही पैदा कर लेता है।

सोचने समझने वाले,रास्ते बंद कर देता है।

जो सुने थे,लोगों से,समाचारों से,

सारे ताने बाने वैसे ही बुन लेता है।

सिर्फ जरा सा सिर दर्द,

उसे कोरोना बना लेता है।

जो मैं बता रही हूँ,

यह मेरा स्वयं का अनुभव है।

बस इतना चाहती हूँ।

भगवान ना करें आपको कुछ हो।

पर कभी यदि किसी को,

कुछ भी महसूस हो तो,

सबसे पहले अपने दिमाग,

की सोच पर नजर रखना।

कुछ सोचे अगर तो,

सोचने से पहले रोक लेना।

जैसे ही बुखार आता है,

तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है।

डॉक्टर ने बताया,

एक पॉइंट बुखार बढ़ने से,

10 पॉइंट धड़कन बढ़ जाती है।

धड़कन बढ़ने के डर से,

सांस फूल जाती है।

फिर और डर बढ़ने लगता है।

व्यक्ति हिम्मत करने की बजाय,

हिम्मत ही छोड़ देता है।

विश्वास रखिए,

आपके शरीर की मशीनरी,

ईश्वर ने वर्ल्ड क्लास से भी,

अच्छी बनाई है।

इससे अच्छी कोई मशीन,

ईश्वर ने दुबारा नहीं बनाई।


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