क्यों कि बच्चे आजकल बड़े हो गए हें?

जब हम बात करते हें।बच्चों की तो हमें वह छोटे छोटे बच्चे याद आते हें। परंतु में बात कर रही हूँ।उन बच्चों की जो हमारे बच्चे हें। ओर वह भी बच्चों वाले हें।वह अपने को तो बड़ा समझने लगे हें।पर वह हमें बूढ़ा समझने लगे हें। वह सोचते हें।अब हम उनके साथ मनोरंजन नहीं कर सकते।हम उनकी बातें नहीं सुन सकते।
क्या हमने कभी वह बातें नहीं की?
पर वह हमारे साथ अपने को अलग महसूस करते हें।समझ नहीं आता वह हमें बूड़ा क्यों महसूस करवाना चाहते हें?
हमें पार्टी में नहीं बुलाना चाहते। वह चाहते हें, की हम घर में ही रहें। हमे खुश रहने का कोई हक नहीं हें। क्या बूढ़ा होना कोई गुनाह हें?
यह मेरा आपसे सवाल हें ?आप सोचिए क्यों कोई बुजुर्ग आदमी डिप्रेशन का शिकार होते हें? ?
क्यों की बुजुर्ग होना मतलब जिंदगी में मिलना जुलना बातें करना खत्म ?
यह जो बूढ़ापा हें , वह हमारे पास अपने तजुर्बे का खज़ाना हें |उनका खज़ाना तो चाहिए पर उनकी खुशियां नहीं चाहिए। माफ़ कीजिए में थोड़ा सख्त लिख रही हूँ।

बच्चे आज कल बड़े हो गए हें,
बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं,
बड़े उनकी नजर में बूढ़े हो गए हैं।
नहीं चाहिए उनको अब घर में बूढ़े,
क्योंकि आजादी में वह अड़चन बन गए हैं।
नहीं चाहिए अब उनको बड़ों का दखल,
क्योंकि वह आजाद पंछी हो गए हैं।
बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं।
नहीं चाहिए उनको शर्म का पर्दा,
क्योंकि अब वह बेशर्म हो गए हैं।
नहीं चाहिए उनको आशीर्वाद किसी का,
क्योंकि अब वह खुद ही खुदा हो गए हैं।
क्योंकि बिना बुजुर्गों के,
उनके सपने सारे पूरे हो गए हैं।
बच्चे आजकल बड़े हो गए,
लगता है बूढ़ा होना ही गुनाह है,
इसलिए उनको वह कैद कर गए हैं’।
सोचो जरा समझो फैशन के मारो,
क्योंकि यह फैशन भी वही दे रहे हैं।
उन्हीं के मेहनतों पर ऐश तुम कर रहे,
क्यों अब वही तुम्हें बोझ लग रहे।
नहीं चाहिए तुम कह दो उनका पैसा,
क्योंकि वह खुद कमाने लग गए हैं।
पर पैसों जायदादों से परहेज नहीं,
क्योंकि जरूरतों के मोहताज हो गए हैं।
बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं।
बड़े उनकी नजर में बूढ़े हो गए हैं।
वो ना जाने आशीर्वाद की शक्ति,
क्योंकि झुकने से उनके गर्व हिल गए हैं।
उनको नहीं कोई काम अब बूढ़ों से,
क्योंकि सब काम तो वह पूरे कर गए हैं।

बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं।
छोड़ी ना उन्होंने कोई चिंता फिकर,
क्योंकि अब वह बेफिक्र हो गए हैं।
अब वह सब के सब अपने में मगन है,
भूल जाते हैं, उनके भी बच्चे बड़े हो गए हैं।
आज वह बड़े, कल तुम बूढ़े होंगे,
वह भी कहेंगे तुम्हारे दिन लद गए हैं।
बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं,
बड़े उनकी नजर में बूढ़े हो गए हैं।
हमें नहीं शिकायत अपने बच्चों से,
उन्हें माफ कर हम बड़े हो गए हैं।
बच्चे आजकल बड़े हो गए हैं