
क्यों कोई आदमी गरीब होता है।
कोई आदमी गरीब होता है। यह कारण नहीं है। परिणाम है।
क्योंकि भगवान तो सब को एक समान ही पैदा करते हैं।
सब को वही हाथ पैर कान ,नाक ,दिल, दिमाग सब कुछ एक से ही देते हैं ।
ऐसा नहीं है। कि गरीब को हाथ नहीं दिया। और अमीर को दे दिए।
ईश्वर ने तो कोई भेदभाव नहीं किया ।
ना ही अमीर या गरीब बनाने वाला धन जानता है। कि वह किसके पास जा रहा है।
और कैसे जा रहा है। धन को नहीं पता कि वह अमीर के घर जा रहा है।
कि गरीब के घर जा रहे हैं ।
अब सवाल यह है कि कोई गरीब क्यों है?
इसका कारण यह है कि गरीब हमेशा अपनी गरीबी के बारे में ही सोचता रहता है। उसका विश्वास बन जाता है ।कि हमें गरीबी में ही रहना है।और गरीबी में ही मरना है। ऐसा हमारा विश्वास होता है ।और जैसा हमारा विश्वास होता है । हमें वही मिलता है ।
ऐसा नहीं है अगर वह अपनी सोच बदल देगा ।गरीब को अमीर बनना है। तो अमीर होने के बारे में ही सोचता होगा। मैं अपनी जिंदगी सिर्फ अपनी सोच बदल कर बदल सकता है ।
जैसा कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति जी ने भी बताया कि लोगों को गरीब पैदा होना किसी के बस में नहीं है। परंतु अगर आप गरीब मरते हैं। गरीब घर में पैदा हुए और मरना भी गरीब बन कर ही चाहते हैं। यह तो बहुत बड़ा जुर्म है ।क्योंकि आपका गरीब ही रहना या आपकी मजबूरी नहीं है।
आप चाहो तो सब कुछ कर सकते हो उसके लिए आपकी इच्छा शक्ति जागृत होनी चाहिए। जब हम कहीं जॉब करते हैं। तो क्या कभी आपने सोचा है कि 10 से 5 की नौकरी में ही आप ऊपर उठ सकते हैं परंतु आप सिर्फ टाइम पास करने की सोचते हो। आप उतना ही काम करना चाहते हो जिसमें आपकी नौकरी बची रहे। परंतु यदि आपको बड़ा बनना है तो अच्छा सोचना होगा।
अपने काम के तरीके को सुधारना होगा 10 से 5 को भूलना होगा। यह जो आप काम करते हैं उसमें अपने स्किल बनानी पड़ेगी। ज्यादा स्किल होना, ज्यादा सैलरी, ज्यादा फायदे, ज्यादा सुविधाएं, ज्यादा प्रमोशन, जितनी ज्यादा जिम्मेदारी लेंगे आप अपने को उतना ही ज्यादा कीमती बनाएंगे।
अपनी कीमत बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। आप गरीब क्यों हैं ईश्वर ने मस्तिष्क तो सबको दिया है। अगर आप अपने काम के साथ अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करते हैं। तो आपको तरक्की करने से कोई भी नहीं रोक सकता।
अपने ऊपर से ही गरीबी का जो टैग लगा है। उसे हटाना होगा क्योंकि आप को अपने अंदर एक आग पैदा करनी होगी । मैं भले ही गरीब पैदा हुआ हूं। परंतु मुझे गरीब नहीं रहना।
मैं ऐसे ही अपनी जिंदगी को तिल तिल करते नहीं जीना चाहता । मुझे गरीब ही नहीं मरना । अमीर बन कर दिखाना ही दिखाना है। मैं ऐसा नहीं रहूंगा क्योंकि चाहे मुझे कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़ेगी। दिन रात एक करने पड़े, पर मैं अपनी किस्मत बदल कर दिखाऊंगा।
अगर आप ऐसा जज्बा रखते हैं। तो फिर आप को कोई नहीं रोक सकता।
परंतु गरीबों में इस बात तक पहुंचने वाले क्योंकि बहुत कम लोग होते हैं। जो इस तरह की सोच रखते हैं। उन्हें ऐसे जीने का जज्बा हो। वह सिर्फ ऐसे जी रहे हैं, जो मिल रहा है, उसी में संतुष्ट रहते हैं। उनके पास सोचने का कोई कारण ही नहीं है।
जीवन में जैसा मिला खाया पिया और सो गए। सुबह उठे काम पर गए। टाइम पूरा किया वापस आ गए ।अगर किसी ने ऑफिस में उन्हें कोई काम नहीं बताया, तो वह चाहे सारा दिन खाली बैठे रहेंगे, पर अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
टाइम पास करके घर आएंगे फिर खाना खाया पिया और सो गए।
परंतु उनके साथ एक परेशानी और है। एक तो ज्यादा कमाई नहीं होती और इस पर तंबाकू बीड़ी और शराब जैसे गंदे शौक पाल लेते हैं। तो काफी कमाई उसमें भी बर्बाद हो जाती है।
उनके घर में उनकी पत्नी को भी बाहर काम करना पड़ता है। तब कहीं जाकर उनका घर चलता है। जब पैसे नहीं होते हैं। तब वे अपनी पत्नी और बच्चों के ऊपर भी कभी-कभी हाथ उठा देते हैं । क्योंकि पैसे ना होने की वजह शराब नहीं मिलती। और उसका गुस्सा घरवालों पर निकालते हैं।
इ1.ना सब होने के बाद भी वह यह क्यों नहीं सोचते हम गरीब क्यों रहे?
2. क्यों ना हम कुछ अलग करें ?
3. हम अपनी किस्मत क्यों नहीं बदल सकते ?
जब हम इतनी मेहनत कर सकते हैं। तो थोड़ा अपने को किसी भी क्षेत्र में स्किल करें। और अपने अपने घर के हालात बदले।
हम क्यों अपने अपनों को ऐसी मजबूरी वाली जिंदगी में रख रहे हैं?
जहां जिंदगी केवल खाने पीने सोने और बच्चा पैदा करने तक ही सीमित है।
उसके बाद बच्चों को भी क्यों नहीं पढ़ाते ?
उन्हें भी अपने जैसा ही बनाना चाहते हैं। और फिर एक दिन मर जाना।
1.यह कैसी जिंदगी है?
2. यह तुमने अपनी जिंदगी को कैसे सेट किया है?
3. अगर तुम्हारा कोई लक्ष्य ही नहीं?
4. कोई ध्येय ही नहीं तो गरीबी कैसे दूर होगी?
5. अगर तुम कुछ करना ही नहीं चाहो तो अपने दिन कैसे बदलोगे ?
फिर तुम यह सोचते हो कि सरकार तुम्हारी गरीबी दूर करेगी। सरकार तो तुम्हारे लिए काम दे सकती है। काम के तरीके दे सकती हैं। पर करना तो तुमको ही पड़ेगा।
सरकार ने तुम्हारी गरीबी दूर करने के लिए स्किल इंडिया में काम शुरू किया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्किल किया जाए। स्किल होने के साथ-साथ पैसा भी मिलता है।
परंतु तुम फिर भी कुछ नहीं करना चाहते तो सरकार भी कैसे दूर गरीबी दूर करेगी?
जब तक तुम स्वयं यह ना सोचो कि मुझे गरीब नहीं रहना ?
और मुफ्त में सरकारी सुविधा या किसी से क्यों कुछ नहीं लेना है?
अगर तुम दिल से सोच लेते हो कि तुम्हें कुछ बनना है।
सिर्फ अपनी सोच से ही तुम उस दिन से अमीर बनना शुरू हो जाओगे। काम ही आप को अमीर बना सकता है। गरीबी हटाओ का नारा कहने से नहीं होता।
जब कोई गरीब ये सोच ले कि मुझे गरीब नहीं रहना। ना ही मेरे बच्चों को यह अभाव वाली जिंदगी जीनी है। तो सरकार नहीं जनता भी अपनी गरीबी हटाने में सक्षम हो सकती है।
सबसे पहले काम को देखो, फिर उसको सीखो, और फिर उसे करने के लिए अभ्यास करो । और फिर काम में लाओ । तो तुम्हें अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। आप जितने अच्छी तरह काम करोगे आपके उतनी जल्दी अमीर होने के चांस होंगे।
अगर आप गरीब हैं। और साथ ही आपकी जो प्रकृति है कि आप ऐसे हैं। जो काम में गड़बड़ी करने वाले निठल्ले, कामचोर और असामाजिक व्यक्ति का कुछ नहीं हो सकता।
उसका कोई भविष्य नहीं है। वह जैसा है, उसे सुधारना होगा। अगर उसे भी अपना भविष्य बदलना है, तो सबसे पहले उसे खुद को बदलना होगा।
मैं उनके लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं कि भगवान उनको सद्बुद्धि दे।
और उनको इस गरीबी से बाहर निकाले।

गरीबी कहूँ या मुफलिसी यह कैसे भी आ सकती है।
कैसे भी आ सकती है।
यह लक्ष्मी है,जो कभी भी ,
आ कर के जा सकती है।
गरीबी को कोई चाहता नहीं,
बिन चाहत आ सकती है।
मेहनत और प्रयत्नों से यह,
दूर भी की जा सकती है।
गरीबी कहूं या मुफलिसी,
कैसे भी आ सकती हैं।
छोड़ दो आलस्य और उठो,
जागो कुछ कर्म करो
भाग जाएगी गरीबी ,तब किस्मत भी बदल सकती हैं।
यदि बैठ जाओगे रखकर,
हाथ अपने हाथों पर।
कोसोगे तुम भाग्य को,
आलस्य की कहानी,
ना बदल सकती है।
गरीबी या कहूं या मुफलिसी,
कैसे भी आ सकती हैं।
तुम ना करना चाहो कुछ काम,
सीखना और करना।
बनना चाहो अमीर,वह सपना पूरा ना कर सकती है।
कुछ तो करो, कुछ तो सी खो,
जीवन में लाओ उसे।
ना पछताओ ,ना घबराओ,
गरीबी कहूं या मुफलिसी,
कैसे भी आ सकती है।
सपना देखते हो किसी के,
आकर देकर जाने का।
ऐसा ना होता हें कहीं ,
दुनिया कभी भी बदल सकती है।
तुम सिर्फ ध्यान दो कर्म पर ,
भाग्य को छोड़ो।
यह कर्म ही है जो तुम्हें ,लक्ष्मी से मिला सकती है।
गरीबी कहूं या मुफलिसी ,
कैसे भी आ सकती हैं।
जब तक तुम कर्म ना करोगे,
ऐसे ही मजबूर रहोगे।
छोड़ोगे घर बार और बच्चे,
यूं हीं फिर भागते रहोगे।
इन सब मुसीबतों से ,
तुम्हें मेहनत ही बचा सकती है,
गरीबी कहूं या मुफलिसी,
कैसे भी आ सकती है।