
जिंदगी में जैसा हम सोचते हें वैसा ही हो जाए ये कभी भी जरूरी नहीं होता।
आप चाहते कुछ हें। ओर होता कुछ हें। यही जीवन का दस्तूर हें।सबको अपने मन के हिसाब का ही चाहिए।
हर व्यक्ति यही चाहता हें।कि वह जो चाहे सब वही हो।
पर वह अपने पिछले कर्म के बारे में नहीं सोचता। क्यों की जो होता हें।
उसमें उन कर्मों की भी भूमिका होती हें। हमें फल उसके अनुसार भी मिलता हें।ना की वह जो सिर्फ हम चाहते हें।
मैंने यह उसी बारे में लिखा हें।उम्मीद करती हूँ।आपको पसंद आए |

जिंदगी में प्यार ही प्यार मिले,
जरूरी तो नहीं।
उलझनों से भरी जिंदगी,
सुलझ जाएगी जरूरी तो नहीं। हम तो समझते थे, कि हम खुश हैं बहुत।
हरदम खुश रहें , दुख कभी ना आए, जरूरी तो नहीं। जिसे अपना समझ कर, जी रहे थे अब तक।
वह वफा करता रहे,धोखा ना दे, जरूरी तो नहीं। क्या कोई भी दुखी होता है, दूसरों के लिए।
ऐसा हो हमराज मेरा, यह जरूरी तो नहीं है। कल क्या होगा, या ना होगा, किसे मालूम है।
जो होगा, तुम्हें पसंद आ जाए, यह जरूरी तो नहीं। रिश्ते तो बहुत है, तुम्हारी जिंदगी में अब भी।
वह कभी काम ,आ जाए यह जरूरी तो नहीं। साथी भी बहुत है,

हम दर्द भी है, दुनिया में।
वह तुम्हें वक्त पर याद आए, जरूरी तो नहीं। कल समझते थे कारवां को ,अपने साथ साथ।
आज अकेले ना हो जाए, जरूरी तो नहीं। घर और बच्चों में, फंसे रहे जिंदगी भर यूं ही।
बुढ़ापे में दोनों रहे पास, जरूरी तो नहीं। प्यार तो सबको ही चाहिए,

इस दुनिया में। कदम दर कदम साथ चले, यह जरूरी तो नहीं। जिंदगी में प्यार ही प्यार मिले, जरूरी तो नहीं।
उलझनों से भरी जिंदगी, सुलझ जाए जरूरी तो नहीं। सोचते सब हर वक्त, अच्छा चलता रहे यूं ही।
जिंदगी में बुरा वक्त ना आए, यह जरूरी तो नहीं। वो सब जिसे अपना समझते थे,फूले नया समाते थे।
हर वक्त वह सब अपना रहे, यह जरूरी तो नहीं। छोड़ कर जाना है, वह सब जो कमाया तुमने।
साथ कुछ ले जाना चाहो, यह जरूरी तो नहीं। दुनिया का काम है,

बनते हुए कामों को बिगाड़ना सब तुम्हारे लिए बना दें, जरूरी तो नहीं। जिसे तुम याद कर जीते , रहे इस दुनिया में।
वह भी तुम्हें उतना याद करें, यह जरूरी तो नहीं।