खुश रहने का मंत्र

खुशियों को मनाते रहिए,
कोई भी मौका ना छोड़िए।

ना जाने कब खुशी आए,
और तुम कहीं और खोए पाए।
चुपके से वापस लौट जाए,
बिना आहट बिना बताए।
देखो तुम क्या सोचते रहते,
जब खुशी आती, ना देखते वेखते।
कई बार जब खुशी आती,
तुम उदास तुम्हें समझ नहीं आती।
वह तुम्हें खटखटाती है।
इशारा करके तुम्हें बताती है।
पर तुम रहते सोए हुए,
अपनी दुनिया में खोए हुए।
क्यों इतने मग्न कुछ पता नहीं,
अलर्ट रहो जिंदगी कोई मजाक नहीं।
खुशी कभी कभी मौकों में ही छुपी होती है।
खुशी के जैसे अवसर भी खो जाएंगे,
तुम अलर्ट ना रहे तो मौके निकल जाएंगे।
समझ गए तो मिल जाएगी,
नहीं तो निकल गई होती है।

छोटी-छोटी खुशियों को कैद कर लो,
उन्हें अपने दिलो-दिमाग में समेट लो।
ना छोड़ना, ना जाने देना,
जब खुशी आए, उसे मना लेना।
गया वक्त दोबारा नहीं आता,
जो खुशी मिली, वह वक्त दोबारा नहीं आता।
मना लो जो खुशियां आई,
ना मालूम कब तक जिंदगानी।
छोड़ो आनाकानी, हरकतें अपनी बचकानी।
नाचने का मन करे,नाच लो दीवाने होके।
घूमने का मन करे, तो झूम लो जी भर के।
गाने का मन करे, तो गा लो खुश होकर के।
बारिश आए तो, भीग लो झूम करके।
जब भी खुशियां आए, ले लो झपट करके।
हंसने का मन करे तो, हंस लो खिल खिलाकर के ।
पर ना होना उदास, जीवन है बड़ा खास।

कितना भी हो मुश्किल, ना छोड़ना कभी आस।
ढूंढ ना हो तो ढूंढना, खुश होने का बहाना।
चाहे छोटा हो या बड़ा, सब को आजमाना।
छोड़ना ना किसी भी पल को, जो खुशियां दे।
दिखे तो लपक लेना, उन्हें जो गमों को भुला दे।
एक दिन खुशी मना लो, चार दिन गालों।
खुशी की बात करते रहो,एक दिन को चार बना लो।