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जिंदगी की भागम भाग

हर कोई भाग रहा है, 

भागने की वजह अलग-अलग।

सबके अपने कारण है ,

सबका ही है ढंग अलग अलग।

कोई भाग रहा है,

ज्यादा पैसा कमाने को।

और कोई भाग रहा ,

अपनी किस्मत चमकाने को।

क्या सबको वह मिल जाता है,

जिसके लिए भागता है।                                                                       

नहीं भागने वालों का क्या, 

women using laptop

कुछ नहीं हो पाता है।

भागते भागते कहां आ गए ,

स्वाद और सेहत भी गवां गए।

परिवार भी कई खराब हो रहे ,

संबंध भी प्रभावित हो गये।

पर भागना बंद नहीं ,

और तेज हो रहा है।

यह कैसा जीवन है,

हर कोई सुकून खो रहा है।

woman in white long sleeve shirt sitting at the table

ना इत्मीनान से खाना,

ना इत्मीनान से जीना।

भागते भागते कहां रुकना,

यह पता चला कभी ना।

बैठो चैन से,जरा सुस्ता लो ,

जो खो चुके हो पहले वह पा लो।

फिर देखना जरूरत नहीं भागने की,

पहले खोई खुशी पालो।

भागते भागते थक गए,

जरूरतों का मुहँ सुरसा हो गया।

confused businessman checking time on wristwatch

आज यह, कल वह,

जितनी पूरी की उतना बढ़ता ही गया।

बचना है भागने से तो ,

संतोषी बनो ,सीमित इच्छा रखा करो।

शायद तभी बचोगे भागने से,

हर हाल में खुश रहा करो।

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