अपडेट करने की तारीख: 19 जन॰ 2022

बहुत दिनों मैं आज मुझे अपना,
एक पुराना दोस्त याद आया।
उसकी पुरानी खट्टी मीठी यादों ने,
मेरा तन मन महकाया।
सोच रहा था इतने दिनों से,
मैं उसे क्यों नहीं याद कर पाया।
बस इसी उधेड़बुन में,
मैंने उसे फोन मिलाया,
फोन पर मैंने उसे मिलने,
की इच्छा को जताया।
जैसी उम्मीद थी मुझे,
उससे मैंने वैसा ही जवाब भी पाया।
बस तब से ही मैंने दिल खुश,
दिमाग को तरोताजा पाया।
खुश था उसने ना मिलने का,
कोई बहाना ना बनाया।
दिल खुशी से उछल रहा था,
कुछ भी बस में ना पाया।
सब कुछ नया लग रहा था,
पुराने वक्त को जब गुजरा पाया।
वह दिन भी आ गया,
जब मिलने को उसने मुझे बुलाया।
सब कपड़े अलमारी से निकाल,
समझ नहीं पाया।
क्या पहनू, क्या ना पहनूं,
सोचता रहा निर्णय न ले पाया।
पहले पहना, फिर खोला,
फिर पहना, फिर खोला।
पूरा कमरा बिखराया।
तभी अचानक नजर पड़ी,
उसके प्रिय कलर को देख,
खुशी से मुस्काया।
और मैं उसी कलर को पहन,
शीशे में देख,मन ही मन शरमाया।
जब वह मुझे मिला,
खुशी से झूम कर,उसने गले लगाया।
फिर घर में मुझे बिठाकर,
परिवार से मिलवाया।
अपनी पत्नी एवं बच्चों का,
नाम बता कर परिचय करवाया।
बच्चों ने भी अपनी सभी खूबियों का,
विवरण तसल्ली से बताया।
उनकी बातें सुन सुनकर,
प्रफुल्लित हो मैं खिलखिलाया।
कुछ देर बाद उसने,
मुझे अपना पूरा घर दिखाया।
नाश्ते में नमकीन,मिठाई,
फल फ्रूट सब प्यार से खिलाया।
कुछ देर हमने पुरानी यादों,
और बातों में वक्त बिताया।
हर एक दोस्त का किस्सा,
याद कर एक दूजे को हंसाया।
इतने में भाभी जी ने,
रात का खाना भी लगवाया।
तारीफे काबिल खाना खाकर,
मेरा दिल खुशी से भर आया।
बहुत पुराने दोस्त से मिलकर,
कितना मजा आया।
दोस्त तो दोस्त ही होता है,
यह समझने में मैंने,
कितना वक्त लगाया।
दीपावली पर जिन दोस्तों,
से दूर हो गए हो,उनको याद कर,
उनसे मिलकर,
हमने अपना त्यौहार मनाया।
हमने अपना त्यौहार मनाया।