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धन की आज़ादी

1.धन की आजादी क्या है?

2.क्या आप अमीर बनना चाहते हैं ?

3.क्या आप अपने वित्त संबंधी सभी मामले में स्वतंत्र होना चाहते हैं?

4.तो सबसे पहले हम को समझना होगा धन की आजादी क्या है?

धन की आजादी को दूसरे शब्दों में वित्तीय स्वतंत्रता कह सकते हैं।

5.वित्तीय स्वतंत्रता क्या है?

अब हम वित्तीय स्वतंत्रता के बारे में जानते हैं।

1.स्वास्थ्य और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खा सकें।

2.पहनने के लिए मनचाहे वस्त्र खरीद सके। जो वस्त्र देखा उसका टेग प्राइस को देखने की परेशानी ना हो। यह मैं नहीं खरीद सकता हूँ।यह देखने की जरूरत ही ना हो। 

3.खूबसूरत आलीशान घर हो। उस घर में आराम के सब साधन उपलब्ध हों। 

4.जीवन में जो भी खरीदना चाहते हैं। उसके बारे में एक पल भी सोचना ना पड़े।

5.मनोरंजन एवं खेल कूद के क्षेत्र के सभी साधन उपलब्ध हो। 

हमारी मनमर्जी के द्वारा सोचा गया खूबसूरत चार पहिए वाला वाहन हो। हम जहां चाहे वहां घूमने जा सके।

निश्चित ही जीवन में और भी बहुत कुछ है।धन के मामले में अपने को आजाद समझें। हम धन की स्वतंत्रता तो चाहते हैं।पर हम धन के मामले में स्वतंत्र होने के लिए क्या करते हैं?

Q 1. हम पैसे वाला बनने के लिए क्या करते हैं?

Q 2. हम पैसों को कैसे कमाते हैं?

Q 3. हम पैसा कमाने के बाद क्या उसे रोक कर रख पाते हैं?

Q 4. हम पैसों को खर्च कैसे करते हैं ? सोच समझकर या निर्ममता से करते हैं।

Q 5.क्या हम पैसों को आगे निवेश करना जानते हैं ?

Q 6.जब पैसे आ जाते हैं।तो क्या उस का आनंद लेना जानते हैं?

Q 7. पैसे वाला बनने के बाद उस धन से क्या हम दूसरों की भलाई में भी खर्च करते हैं ?

हमें पैसा वाला बनने के लिए सबसे पहला काम तो यह करना होगा कि हमें कितना पैसा चाहिए?

उसका ब्लूप्रिंट अपने मस्तिष्क में बनाना होगा। क्योंकि हमारा विश्वास जितना होता है उतना ही मिलता है।हम जितना जल्दी अपना ब्लूप्रिंट बना लेंगे उतना ही अच्छा है।

जब हम मस्तिष्क तक वह ब्लूप्रिंट भेज देते हैं। तभी मस्तिष्क उस पर काम करना शुरू करता है। जब हम ब्लूप्रिंट निर्धारित कर लेते हैं। तो फिर हम कुछ कमाने के लिए अवसर भी ढूंढ लेते हैं।

हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि कोई आदमी शराबी है। उसे रोज पीनी है। वह कितनी भी मेहनत करेगा ।वह परिवार के पोषण के बाद उतने पैसे ज्यादा कमाएगा कि वह अपने मन की इच्छा पूरी कर सकें।

दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि हम उतना ही कमाने के लिए अग्रसर होते हैं। जितना कमाने का ब्लूप्रिंट आपने तय कर रखा है।

दिल में सोचते हैं इतना तो कमाना जरूरी है। जिसमें घर का खर्च चल सके। दो वक्त की रोटी मिल सके।तो वह उतना ही कमाएगा। जिससे उसका जीवन चल सके।

तो क्या हमें पहले से ही अपना ब्लूप्रिंट बड़ा बनाना चाहिए?

जिससे उसे बार-बार ना बदलना पड़े।

अब हम सोचते हैं कि समस्या क्या है?

इसको समझते हैं कि अगर हमारा ब्लूप्रिंट अमीर बनने का नहीं है। तो हमें कितना भी सीख ले, कितना भी जान ले, और हम चाहे कितना भी कुछ कर ले ,अगर अमीर बनने का नहीं है तो हम अमीर नहीं बन सकते। 

अमीर बन सकते हैं। हमें अपने अमीर बनने के लिए काम का अभ्यास करते रहना होगा। जितना अभ्यास करेंगे। उतने ही हम अपने काम में माहिर हो जाएंगे।

अगर कोई यह सोचता है कि वह काम ना करें।बस यूं ही आलसी बनकर बैठा रहे।तो वह जिंदगी में दौलत की तो सोचो ही नहीं।वह अपना स्वयं का भरण पोषण भी ठीक से नहीं कर सकता। 

अगर वह धन की आजादी चाहता है तो उसे मेहनत तो करनी ही होगी।

यह तो आपको पता है कि दौलत की आजादी इतनी आसान नहीं है।

इसका महत्वपूर्ण सबक यह है कि धन की आजादी के लिए आपको कितना धन चाहिए उसका ब्लूप्रिंट मस्तिष्क में भेजना होगा।

मान लीजिए जब से आप ने होश संभाला। और सोचा आप का भी एक व्यवसाय होगा। एक सुंदर सा ऑफिस होगा। जिसमें एक रिसेप्शन होगा।उस पर एक खूबसूरत रिसेप्शनिस्ट बैठी होगी। वह आपके काम देख रही होगी।

सभी डायरेक्टर का अलग अलग कमरा होगा। एक अकाउंट रूम होगा। मशीनें भी सभी प्रकार की होंगी।ऑफिस में एक किचन भी होगा।

यह आपका एक वित्तीय ब्लूप्रिंट बन गया। अब आप यही सोचते रहे और विश्वास करते रहे कि में एक दिन ऐसा जरूर करूंगा। तो आप का ब्लूप्रिंट 1 दिन अवश्य ही पूरा होगा।

आपका अवचेतन मन ऐसा करवाएगा। आप देखेंगे अरे यह सपना तो पूरा भी हो गया।

परंतु यहां तक आकर रुक जाएगा। क्योंकि आपकी चाहत तो इतनी ही थी।

यह सब केवल ब्लूप्रिंट बनाने से ही नहीं मिलता फिर इसके लिए काम भी करना पड़ता है।

मिस्टर डेरिल फाइजर कहते हैं जैसे जहर भोजन को नष्ट करता है। उसी तरह काम ना करने के बहाने सफल जीवन को बर्बाद कर देते हैं।

काम करने से अमीरी आती है।काम ना करने से गरीबी आती है।

कुछ लोगों से पूछे तो वह काम ना करने के हजारों कारण बता सकते हैं।जैसे मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं ।मेरे पास काम शुरू करने के लिए पैसे भी नहीं है। मेरी सहायता करने वाला कोई दोस्त या रिश्तेदार भी नहीं है। मेरे पास कोई जगह भी नहीं है कि मैं वहां से काम कर सकूं।

जबकि देखा जाए तो उन्हें सिर्फ एक ही वजह चाहिए कि वह काम क्यों कर सकते हैं ?

क्या यह बजह काफी नहीं कि आपको धन की आजादी चाहिए?

धन की आजादी चाहिए। अब आपकी तकदीर किसी संयोग से तो नहीं बन सकती।यह तो आपके द्वारा लिए फैसलों से बनती है।

फैसला लेना यानी निशाने को साध लिया। ठीक है निशाना साध के ऐसे ही रहने दिया।ट्रिगर तो दबाया ही नहीं। फिर क्या सब व्यर्थ हो गया?

इतनी देर में तो निशाना जिस पर लगाया वही गायब हो जाएगा ।यानी कि आपका लक्ष्य आपकी आंखों से ओझल हो जाएगा।

जब आप यह समझ ही चुके हैं कि आप का ब्लूप्रिंट यानी आपको क्या चाहिए तो समझ लीजिए यह बात बहुत महत्वपूर्ण है ।

अब जो आपको चाहिए उसके लिए किस चीज की जरूरत है?

एवं क्या करना है? बस यही जानना है

विलियम वार्ड ने धन की आजादी का बेहतरीन नुस्खा बताया। उन्होंने कहा——

1.जब दूसरे सो रहे हो तो काम करना सीखो।

2.जब दूसरे लोग समय खराब कर रहे हो।तब आप काम करो। 

3.जब जब दूसरे लोग खेल रहे हो।तब आप तैयारी करो। 

4.जब दूसरे सिर्फ इच्छा कर रहे हो।तब आप अपने सपनों को पूरा करें। 

मैंने अपने सपने ऐसे ही पूरे किए। जब दूसरे लोग सो रहे होते थे।तब हम भी काम कर रहे होते थे।

मैंने सफलता भी वैसी ही पाई।जैसी में सोचती थी।

और मैं कभी अपनी जिंदगी के अंत में यह नहीं कहुँगी, ना ही इसकी नौबत आने दूंगी कि मेरे पास कितनी अद्भुत और खूबसूरत जिंदगी थी। काश मुझे यह बात जल्दी मालूम हो जाती।

वह इसलिए क्योंकि मैंने बचपन से आज तक अपनी जिंदगी को बहुत खूबसूरती से जिया है। चाहे हालात कुछ भी रहे हो। चाहे परिस्थितियां कैसी भी रही हों।

पर मैं बहुत खुश हूं। इसका सबसे बड़ा श्रेय हमारे काम के साथ ईश्वर को भी हैं क्योंकि कर्म तो हमने किए पर उन्होंने फल देने में जरा भी कंजूसी नहीं की।

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