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धन की आज़ादी पार्ट 2

अपडेट करने की तारीख: 20 जन॰ 2022

क्या आप आमिर बनना चाहते हैं ?

धन की आजादी तभी मिलती है। जब धन आपके लिए काम करने लगे।

जब भी हम किसी शोरूम या किसी बहुत ही खूबसूरत बंगले के सामने से गुजरते हैं। तो अनायास ही नजरें वहाँ ठहर जाती हैं।

तो हमें क्या महसूस होता है?

यह जरूर किसी का सपना होगा। जो उसने साकार कर दिखाया।

परन्तु साथ ही यह भी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि बंगला या शोरूम बनाना इतना आसान तो नहीं था।

1.उसने भी कई रातें मेहनत की होगी।

2.उसने भी तब काम किया होगा। जब लोग सो रहे होंगे।

3.उसने भी अपनी छुट्टियां पहाड़ों पर बिता रहे लोगों के साथ नहीं बिताई होंगी।

4.उसने भी अपने परिवार के साथ जिंदगी मैं इतनी खुशियां नहीं बिताई होंगी।

हम पैसों को कैसे कमा सकते हैं?

हमारे पास इतने विचार और संभावना है कि कई बार हमारे सामने होते हैं।पर हम अपनी समस्याओं में इतने उलझे रहते हैं कि सामने ऊपर भी नहीं दिखाई देते।

चार्ल्स फिल मोर कहते हैं।अवसर हर जगह हमेशा होते हैं।बस देखने वाला चाहिए।

अर्ल नाइटेंगल कहते हैं।यदि आप इस जगह हीरो की खान में खड़े हैं।तो यहां खतरा भी है।और अवसर भी। क्यों कि अवसर और खतरा हमेशा साथ साथ होते हैं ?

हम पैसे कमा सकते हैं यदि यह न सोचे कि मैं यह काम करूं या ना करूं। सिर्फ यह सोचकर काम की शुरुआत ही ना करें।यह सबसे बड़ी भूल और पछतावा करने की वजह होगी।

धन की आजादी में हमारे परिवार का बहुत बड़ा हाथ है।

हमारे परिवार वाले धन के बारे में क्या सोचते हैं?

हम धन का इस्तेमाल कैसे करते हैं ?

वह बहुत खर्चीले हैं या कम खर्च करने वाले हैं,

क्या वे धन की बचत बुरे वक्त के लिए करते हैं ?

यह सब बातें ही धन की आजादी के लिए महत्वपूर्ण है।

1.क्या हमारे परिवार वाले किसी भीअमीर को देखकर यह सोचते हैं कि उसने यह धन बेईमानी या पाप के रास्ते से या

2.क्या गरीबों को दुखी करके कमाया हैं?

3.क्या हमारे परिवार वाले अमीर व्यक्ति को देख कर खुश होते हैं?

4.क्या उसके घर की शान शौकत को देख कर खुश होते हैं ?

5.क्या हमारे परिवार वाले अमीरों को देख कर जलते हैं ?

6.क्या उन्हें तकलीफ होती है कि वह इतना अमीर क्यों है ?

7.भगवान कहते हैं तुम दूसरे को देख कर खुश होगे तो खुशियां तुम्हारे दरवाजे को जरूर खटखटाएंगी।

जो भी बातें हमने बचपन में देखी या सुनी है।

जब हम उनके बारे में सोचते हैं।तो

1.जो भी हमें विचार आते हैं।

2.वह विचार भावनाओं तक ले जाते हैं

3.भावनाएं कार्यों तक ले जाते हैं

4.और कार्य परिणामों तक पहुंचा देते हैं।

जो हमारे पैसों का ब्लूप्रिंट है वह केवल परिवार ही नहीं, दोस्त और शिक्षक तथा और भी व्यक्ति पर निर्भर है।

इन सब की पैसों के बारे में जो भी राय और सोच है। यह वह सिखाई हुई बातें जो कंडीशनिंग कर देती है।

1.बचपन में हम सीखते हैं पैसों को हमेशा बचा कर रखो।वह हमेशा मुसीबत के समय काम आते हैं।तो सोचिए जो मुसीबत नहीं आनी चाहिए थी।उनको भी अनायास बिना सोचे समझे हमने आमंत्रण दे दिया।

2.क्या आपने बचपन में यह सीखा है?

यदि सीखा है तो उसे बदलिए।

1.पैसा मुसीबत नहीं खुशहाली में खर्च करने के लिए बचाकर रखना है।

2. जिंदगी में खुशियां लाने के लिए बचाएं।

3. जिंदगी को बेहतरीन तरीके से व्यतीत करने के लिए बचाएं।

4.अपने सपने और इच्छाओं को पूरा करने के लिए बचाएं।

हम इन सब बातों का भी ध्यान रखें तो यह भी धन की आजादी मैं सहायक होंगी।

1.हम जो भी कार्य करते हैं ईमानदारी से करें।ईमानदारी के पैसों में हमेशा बरकत होती है।हम जिस से भी पैसा ले उसे अवश्य लौटाना है।

2.हमारी नीयत कभी भी किसी के पैसों को हड़पने की नहीं होनी चाहिए।

3.अपना कार्य बिना फल की इच्छा के करते रहें।

4.यह काम ईश्वर का है कि वह आपको कितनी जल्दी दौलतमंद बनाता है।


जिन्होंने आपके काम में आपकी मदद की है।उसके लिए हमेशा कृतज्ञ रहे।बस अच्छे काम करते रहिए एक दिन दौलत जरूर आपके पास आएगी।और आप धन की खर्च करने के लिए आजाद होंगे।


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