जब कोई तुम्हें बेवजह ,अच्छा लगने लगे ।
कभी जो मिल जाए,
वह तुम्हें राहों मैँ ,

उसे देखते ही दिल,
के तार झनझना उठे ।
लगे वह रोज यूँ ही मिलता रहे ।
हम देख कर खिल उठें ,
सिलसिला यूँ मिलने का जारी रहे ,
हम जी उठें ।
लगे वह कुछ कहने ,
और तुम सुनने को बेकरार हो ।
वह कुछ कहे भी ना,
और तुम्हारे दिल को करार हो ।
बिना बताए समझ जाओ,
उसे क्या कहना है ।
यह असली दिल का दिल से,
प्यार है जो मुझे कहना है ।
यह मंजिल धीरे धीरे,
प्यार की ,ओर जा रही है ।
मोहब्बत के रास्ते पर,
चल रहे हो बता रही है ।
यह सब भी ऊपर वाले,
का ही माया है ।
प्यार मोहब्बत जिंदगी,
इसी तरह यह दुनिया है । चलती है सदियों से,
प्यार मोहब्बत तो सबके दिल,
में है जन्म जन्मों से ।
मैं तुमसे पूछ रही हूं,
प्यार क्या है ?
जो मैंने बताया,
या जो तुमने किया है ।
सोचने की बारी तुम्हारी है,
मोहब्बत के लिए ।
जिससे करो, दिल से करो ,
अपने नहीं अपने प्यार के लिए|