बच्चे जब बीमार हो जाते हैं,
माता-पिता लाचार हो जाते हैं। सोचते हैं क्या करें?
कैसे उनको ठीक करें? हर वक्त तुम को ठीक,
करने की, दुआ करते हैं। माता-पिता लाचार हो जाते हैं, बच्चे जब बीमार हो जाते हैं। पर बच्चे सोचते हैं, काम नहीं माता-पिता का, खुद ही संभाल लेंगे,क्योंकि, बच्चे जब बड़े हो जाते हैं| माता-पिता लाचार हो जाते हैं,
बच्चे जब बीमार हो जाते हें। बिमार सुनते ही दिल कांप जाता है, दर्द उनका अपना दर्द लगता है। दिल जैसे धक से रह जाता है,
चाहे कितने बड़े हो जाएं, बच्चे तो बच्चे ही रहते हैं। माता-पिता लाचार हो जाते हैं, बच्चे जब बीमार हो जाते हैं।
करते हैं प्रार्थना ठीक, करने के लिए। देते हैं आशीष, स्वस्थ होने के लिए।
प्रार्थना के परिणाम ,शीघ्र पाते हैं। माता-पिता लाचार हो जाते हैं , बच्चे जब बीमार हो जाते हैं। हर वक्त नजर फोन,
पर लगी रहती है। वक्त गुजरता नहीं ,
घड़ी पर नजर रहती है। इंतजार खबर आने का करते हैं।
माता-पिता लाचार हो जाते हैं, बच्चे जब बीमार हो जाते हैं।
सोचते हैं कोई दुआ या, दवा लग जाए। मेरे बच्चे कुशल, घर वापस लौट आए।
भगवान से यही, मिन्नते बार-बार करते हैं। माता-पिता लाचार हो जाते हैं, बच्चे जब बीमार हो जाते हैं। दिल रो पड़ता है,सुन कर, दिमाग सोचने लगता है, क्या करूँ जो, उनको ठीक कर दे।
डॉक्टर हो या जानकार, सबसे ही पूछने लगते हैं।
माता-पिता लाचार हो जाते हैं, बच्चे जब बीमार हो जाते हैं। अपनी ओर से,सब कोशिश करते हैं। अब और तब के,
सारे प्रबंध पहले करते हैं। यह माता-पिता ही हैं, जो दूर की सोच रखते हैं। बच्चे जब बीमार हो जाते हैं, माता-पिता लाचार हो जाते हैं। आँसू बहा कर मन, हल्का कर लेते हैं। अपने दुख को अपने ही,
मन में दफन कर लेते हैं| किसी को बताते नहीं, मन में वह रो लेते हैं। बच्चे जब बीमार हो जाते हैं, माता-पिता लाचार हो जाते हैं|