
बच्चे तो बस बच्चे होते हैं।
उनके सपने विचित्र होते हैं।
अभी तो वह यूट्यूब,
पर आया ही था।
बस सपना देख डाला ,
वह भी करोड़ों का ।
लाखों दे देने का ,
उसने वादा कर डाला।
फॉर्च्यूनर लेने का ,
सुनहरा ख्वाब देख डाला।
बात कर रही हूं ,मैं उस,
7 साल के बच्चे की।
जिसने मन मोह लिया ,
करके गेमिंग की रैकिंग की।
देख मन ही मन उसने लाखों,
सब्सक्राइबर के सपनों को।
और बढ़ाया बच्चों को ,
समझाकर कहने को।
अपनी काबिलियत ,
पर बहुत भरोसा था उसको।
बातें करता था बड़ी-बड़ी ,
जो ने सुनी ना कहीं उसको।
पता नहीं कहां से सीखता है ,
कहां सुन लेता है।
बता कर हम सब को,
वह मंत्र मुग्ध कर देता।
कहता है गेम खेलना बुरा ,
कभी नहीं होता है।
सीखते हैं इंग्लिश उससे ,
और नॉलेज भी बहुत होता है।
वह कैसे गेम खेलता है,
हम सोच में पड़ जाते हैं।
उसकी शक्ति के आगे ,
फिर नतमस्तक हो जाते हैं।
उनके बारे में बच्चों को ,
समझाता है बड़ी शिद्दत से।
बताता हैं ऐसे जैसे कि,
जानकर है उसका वह कब से।

अपने बाबा से कहता है ,
पहले पैसे सब आपको दूंगा।
फिर क्या बनूंगा,देखूँगा,
और सोचूंगा व समझूँगा।।
