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मना लों ख़ुशियाँ

हालात ना थे, खुश रहने के।

पर आदत जो बना ली थी।

दुखों को मैंने परे धकेला,

सामने आयी खुशी मना ली थी।

करने को, मनाने को,

छोटी ख़ुशियाँ थी।

उनको देख समझने,

के लिए पूरी दुनिया थी।

आज कहां हम खड़े हुए,

देखना जरूरी है।

नज़रअंदाज़ करें दुखों को,

खुश रहना जरूरी है।

जो करते हैं दुखी,

कभी परवाह उनकी ना करो।

खुश रहने को मिली जिंदगी,

फिर दुखों को ना याद करो।

सोचेंगे, फैसला लेंगे,

हर वक्त खुश रहा करूँ।

जिंदगी में जो भी मिला,

उसमें से खुशी ले लिया करूँ।

हालातों को मारो गोली,

रोज बनते बिगड़ते हैं।

आदत से मजबूर हैं हम,

फिर भी हर वक्त खुश रहते हैं।

हालात बनाने वाले भी,

ज्यादातर अपने होते हैं।

जलते रहते ख़ुशियों से,

वह पीछे से दुखी भी होते हैं।

इसी का नाम जिंदगी है,

कल की फिकर छोड़ जिओ।

जो है, अब है, इस पल में है,

बाकी को छोड़ जियो।

देखो शायद खुशी तुम्हारे,

दरवाज़े पर आई है।

तुम को हंसता मुस्कुराता देख,

वह भी तो हँसा ही हेँ।

जोर से पुकारो ख़ुशियों को,

बहरा तो मत होने दो।

जब भी बुलाओ आ जाए,

ऐसी दोस्ती तो होने दो।

#जननदखशयक #हलतकछड़ #खशरह #मनलखशयक #वकतखशमननक

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