
मुझे कुछ कहना हें ,कभी मिलों तो सही मुझे कुछ कहना है ,कभी मिलो तो सही । क्या बात है जो खफा हो, बताओ तो सही। तुम्हारी नाराज़गी में हम, क्या से क्या हो गए। फूल थे खिलते हुए, पतझड़ से अब हो गए। जब देखोगे हमारी हालत, कुछ कहोगे तो सही। मुझे कुछ कहना है, कभी मिलो तो सही। शायद तुम्हें आदत है, सब भूल जाने की। याद तो रखते नहीं, भूले हो तुम जमाने की। याद करोगे तो पता चलेगा, क्या थे क्या हो गए। अभी जब देखोगे हमारी हालत ,कुछ कहोगे तो सही। मुझे कुछ कहना है कभी, मिलो तो सही। ना तुम्हें याद वह रस्में ,ना कसमे, ना वादे। प्यार ना रुस वाई, मोहब्बत ना जुदाई। जब सोचोगे तो वजह देखोगे, यादों की सही। मुझे कुछ कहना है कभी, मिलो तो सही। यह प्यार भी ना बड़ी, कमबख्त चीज है। दर्द बहुत देता है, खुशी ना चीज है। रोते हैं सब दिल लगाते हैं, जब तब ही। जब देखोगे हमारी हालत, कुछ कहोगे तो सही। मुझे कुछ कहना है ,कभी मिलो तो सही।