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मौत ने नींद से जगाया

अपडेट करने की तारीख: 24 जन॰ 2022


जब किसी की मौत हो जाती है तो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती है।

जो हम नींद मैँ सोये रहते हैं ,वह हमें जगा देती है ,कहाँ सोये हो जागो।

अब तो समझो एक दिन तुम्हें भी जाना है।

संभालों अपने कर्मों को ,अपने जीवन को ,

जो तुम तेरी मेरी में व्यर्थ गवां रहे हो।

जिंदगी और मौत 

अगर हम कल्पना,

करें जिंदगी में,

ईश्वर ने आज बुला,

लिया अपने घर में।

याद आए सारे वादे,

जो परिवार से किए,

घूमने जाएंगे,वक्त बिताएंगे,

साथ में जिए।

दौलत कमाने में,

सब कुछ भूल गए,

जिंदगी का आनंद,

उठाना भूल गये।


“दौलत”वह तो,

आपके परिवार को मिलेगी,

पर सारी दौलत,

से क्या जिंदगी बचेगी?

खरीद सकेंगे वह,

पल जो साथ बिताने थे,

खरीद सकेंगे सारे,

सुख जो साथ मिलने थे।

उन फूलों की खुशबू,

जो कभी महसूस ना की।

वह अच्छे काम जो,

आप कभी कर ना पाए।

वह दर्द जो कभी खत्म,

ना हुए कमाने के लिए,

वह सपने जो परिवार,

के लिए सच ना कर पाए।

वह समय जो अपनों,

के साथ आप ना बिता पाए,

वह पल जो शांति से,

अपने लिए कभी जीना पाए।

यह कल्पना ही,

आपको झकझोर देगी,

यह तुम यकीन करो,

सोए हो तो नींद उड़ा देगी।

यह कल्पना नहीं,

दस्तक है,समझने की।

अभी दिल धड़क रहा है,

यह सब सोचिए।

अब क्या करना है?

कैसे जीना जरूर देखिए?

सिर्फ यही सोच,

कर खुश हो जाइए।

की चिंता नहीं,

आप अभी जिंदा है।

अभी समय है।

आप जो नहीं कर पाए,

वह पूरा कर सकते हैं।

“सद्गुरु के द्वारा,

आप हर घंटे में,

अपने को याद दिलाएंगे।

आप नश्वर हैं।

और खुश हो जाएं,

पर आप अभी जिंदा है।

क्या खुश रहने के,

लिए यह काफी नहीं?

कि आप अभी जिंदा हैं।”

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