अपडेट करने की तारीख: 24 जन॰ 2022

लोग कहते हैं पहली मोहब्बत, भूल नहीं पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता क्यों नहीं पाते हैं।
यह पहली मोहब्बत, बहुत अजीब होती है।
सबको पता चल जाता है, पर हमें खबर नहीं होती है।
नजरें बचाकर सब कि, जब वह मगरूर होकर सजने लगे।
आईना भी हमें देख, समझ ही गया, कि हम मोहब्बत करने लग।
उसका एहसास, आज भी शरीर में ,झनझनाहट पैदा करता है।
जिसका पता भी नहीं था,वह कैसे सरसराहट पैदा करता है।
पहली बार जब दिल की धड़कन ,हद से ज्यादा बढ़ जाती है।
तो बिना सोचे समझ लो, यह पहली मोहब्बत हो जाती है।

हम बेखबर रहे जिस मोहब्बत से, जमाना उसे देख लेता।
दिलखुश, दिमाग को पता नहीं ,सारा आलम महका देता।
बिना देखे जिसको चैन नहीं, देखें खिड़की की दरारों से।
यह पहली मोहब्बत है जो, मिलती नहीं दुकानों से।
डूँड़ते हें मौका बात करने का,कैसे हो बातें उससे।
करे बहाना मिलने का दिल, चाहता है या हो कैसे।
वजह यही मोहब्बत की, भूल नहीं पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत,तो बता क्यों नहीं पाते हैं।
दिन-रात ख्यालों में वह है, किसी और की तो सोच नहीं।
सपनों में वह ,अपनों में वह, किसी और के लिए जगह ही नहीं।
ना कुछ सूझता , ना दिखता है ,हर और उसी को पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता क्यों नहीं पाते हैं।

दोनों के रास्ते अलग-अलग, एक मोड़ पर जब मिल जाते हैं।
सारी दुनिया से नज़र चुरा ,अपने को ही छुपा जाते हैं।
इस मिलने का जो नशा है ,वह बयां नहीं कर पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता क्यों नहीं पाते हैं।
पर यह मोहब्बत 16 बरस की, सिर्फ एक आकर्षण है।
टूटता है जब यह तो दिखता है, यह लड़कपन है।
इस उम्र के प्यार को, निभा क्यों नहीं पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता क्यों नहीं पाते हैं।
जब करते थे तब सोचा, उसके बिना जिंदगी क्या है।
पता ना था, मोहब्बत की थी, उसकी सजा क्या है।
सोच समझ कर की ना जाए, यह लोग समझना पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता भी ना बातें हैं।

पर जिंदगी में एक बार, मोहब्बत जरूर करो।
मोहब्बत सिखाती है, किसी के प्यार में लुट जाओ।
मोहब्बत सिखाती है ,अपनी अहम को छोड़कर उसके हो जाओ।
कुर्बान होना सिखाती है, लेना नहीं देना सिखाती है।
हां यह मोहब्बत ही है, जो इंसान को हीरा बनाती है।
बिना कहे, बिना सुने, दूसरों को समझना सिखाती है।
इतनी खूबियां होने पर भी, मोहब्बत नहीं कर पाते हैं।
जब करते हैं मोहब्बत, तो बता क्यों नहीं पाते हें।