रिटायरमेंट
जो रिटायर हो गए या होने वाले हैं यह उन्हें समर्पित

रिटायरमेंट
अभी तक तो लगता था,
उम्र अभी बहुत है बाकी,
करने को है काम बहुत सारे,
जीवन अभी बहुत बाकी।
तभी कुछ खबर ,मेरे कानों तक पहुंची,
कर रही थी काम जो,बरसों से आ पहुंची,
कि अब तुम्हें विश्राम दिया जा रहा है।
कामों से अब निवृत्त किया जा रहा है।
रोज सुबह उठना, तैयार होना,
जल्दी में नाश्ता, जल्दी में जाना ,
रोज वही दिनचर्या,रोज की कहानी
कभी बस,कभी रिक्शा,
कभी ऑटो,कभी कार।
कभी थक कर,कभी आराम में चले आना
जिंदगी का चक्र, यूं ही पूरा करते जाना।
खुश हो जाओ अब तुम्हें,
आजाद किया जा रहा है।
अब इस चक्र से मुक्त किया जा रहा है।
अब तुम्हें सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
सोच रही थी मैं ,बिस्तर पर लेटी ,
क्या अब होगी जिंदगी,
बिखरी या समेटी,
करना सपने पूरे जीवन में ?
क्या अब काम नहीं रहेगा,
कुछ जीवन में?
क्या अब वक्त होगा,
अब जिंदगी कहीं नीरस तो ना होगी,
जिंदगी में अब इतनी ,
उठापटक तो ना होगी।
किसी काम में अब जल्दबाजी ना होगी,
खाने से सोने तक जिंदगी,
इत्मीनान सी होगी।
मन मेरा उसी उधेड़बुन में लगा रहा,
सोच रही थी सपना था,
जो खुली आंखों में देख रहा।
अब तुम फिर कोई नया लक्ष्य बना लो,
जैसे जिया जीवन अंदाज बदल डालो।
जीवन ने यह समय सुनहरा दिया है,
जीने को अब वक्त ही वक्त दिया है ।
बहुत अब वक्त तुम्हारे पास होगा,
जीवन का हर नया आयाम बदलेगा।
लगाना मत जीवन को खालीपन में,
करते रहना पूरे सपने अब जीवन में।
अब जल्दी-जल्दी दोस्तों से बातें होंगी,
फोन पर ही सही मुलाकातें तो होंगी।
याद करेंगे हम बचपन के उन पलों को,
खुश होने करने को बहुत बातें तो होगी।
अपनी सेवानिवृत्ति को वरदान मानो,
जिंदगी जीने का नया अंदाज मानो।
चलते फिरते, हंसते गाते ,
बिताएंगे हम जीवन,
अभी तो यही लक्ष्य है, स्वस्थ रहे जीवन।
समझ लो जीवन अब अपग्रेड हो गया है।
पहले 1.0 था, अब 2.0 हो गया है।
अब सब कुछ बदल जाएगा जीवन में,
जो पहले ना कर सके,
वह करेंगे अब जीवन में।
खुश हो जाओ सेवानिवृत्त,
किया जा रहा है।
आजाद रहने को अब,
खुला आसमा दिया जा रहा है।
कुछ भी करो या ना करो,
बंदिशों से मुक्त किया जा रहा है।
खुश हो जाओ तुम्हें,
सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
कर्म की गाड़ी तो चलती रहेगी,

सेवानिवृत्त भले ही हो जाओ ,
पर कर्म निवृत्त नहीं हो सकते।