यह तो बात थी हमारे विचारों की। अब में आप को बता रही हूँ की आप की सोच ओर आप के विचार आप के शरीर के अंगों को कैसे प्रभावित करते हें ।विचारों से कैसे प्रभावित होते हें ।आप को यह सब जानकार आश्चर्य होगा ।
शरीर के यह अंग हें । 1. चेहरा , 2. सिर 3. बाल 4. कान 5. आँखें 6. गरदन 7. गला 8. हाथ 9. बाहें 10. उँगलीं 11. पीठ 12. सांस 13. फेफड़े 14. वक्ष 15. ह्रदय 16. पेट 17. बड़ी आंत 18. पाँव 19. घुटने 20. त्वचा आदि ।
इसके अलावा इन्हीं सोच विचारों से बहुत सी बीमारियों के बारे में भी इसके अलावा इन्हीं सोच विचारों से बहुत सी बीमारियों के बारे आप को बताऊँगी । 1 . माइग्रेन 2 . खाँसी 3 . लेरिनजाइटस 4 . टॉन्सिल्स 5 . थाइरॉइड 6 . दुर्घटना 7 . दर्द 8 . एनोरएक्सिया बुलिमिया 9 . गठिया 10 . अस्थमा 11 . मोटापा 12 . आघात 13 . कैंसर 14 . डिप्रेसन . आदि । मुझे आप को इस तरह चकित देखना अच्छा लगा हें । क्यों की मेरा मकसद आप को स्वस्थ देखने का हें ।
चेहरा
सबसे पहले हम अपना face यानि चेहरा लेते हें । जब हम किसी का चेहरा देखते हें । तो हमें उसके बारे में सब पता चल जाता हे कि ये व्यक्ति गुस्सा करने वाला हे या प्यार वाला । कठोर हे या विनम्र स्वभाव का हें ।
केवल चेहरा ही हमारा हाल बता देता हें । जब भी हम बुजुर्ग होंगे तब हम कैसे दिखेंगी ये भी हम पता लगा सकते हें । अगर हम चाहते हें कि हम बहुत सुंदर दिखाई दें
तो हमें make up से ज्यादा अपने व्यवहार ,सोचने का तरीका ,विचारों कि क्रिया प्रतिक्रिया ओर हमारे बोले हुए शब्दों पर केवल ओर केवल इन पर ध्यान देने कि जरूरत हें । सिर्फ इन सब बदलावों से ही आपके चेहरे पर जो नूर आएगा वो किसी make up से भी नहीं आ सकता ।
अगर हम केवल विचारों से ओर शब्दों से अपने को इतना सुंदर बना सकते हें। तो सोचिए मानसिक कारणों का बीमारियों से कितना गहरा संबंध हें ।
हमारी ज़िंदगी कि कुछ परिस्थितियाँ भी कैसे समस्या पैदा करके बीमार कर देती हें ।
अच्छे स्वास्थ के लिए हमें अपने विचारों का पैटर्न बदलना होगा ।इसके लिए हमें कुछ practice भी करनी पड़ेगी ।
ज़िंदगी को ज्यादा seriousलेने कि जरूरत नहीं हें । क्यों कि यहाँ से कोई बचकर नहीं रहने वाला । पर हम जितना भी जियें स्वस्थ रह कर जियें ।