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विचार और बिमारियाँ

साँस

अब हम बात करते हैं।साँस  से ज्यादा हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं।

यह सबसे मूल्यवान है।

जिंदगी क्या है ?

एक साँस का आना,

मौत क्या है ?

जिंदगी में सांस का दोबारा ना आना मौत है।

आप सोच सकते हैं कि जिसके बिना जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते वह है हमारी साँस । यह हमारे जीवन में सबसे बेशकीमती है। लेकिन हमें लगता है कि हमारी हर सांस के बाद दूसरी साँस अपने आप आ जाएगी। परंतु अगर अगली सांस 3 मिनट तक हमें ना मिले। तो क्या होगा ?

हम बिना सांस 3 मिनट से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते।

क्या आप जानते हैं ? भगवान ने सांसे आपको गिन कर दी हैं । और सबको व गिनती पूरी करनी होती है । जब तक हमारी सांसे पूरी नहीं होती। तब तक हमारी मृत्यु भी नहीं हो सकती। जितनी सांसे भगवान ने दी है। उतनी हमारे पूरे जीवन के लिए पर्याप्त है।उससे ना हम को एक भी ज्यादा मिलती है और ना ही एक भी कम यही भगवान का इंसाफ है।

साथ ही हमें यह भी सोचना चाहिए जिसने जीने के लिए सांसे दी है। उसने हमारे लिए और भी बहुत कुछ दिया होगा।जरूरत है सिर्फ भरोसा करने की, कि हमें भगवान पर पूरा भरोसा रखना चाहिए।

फेफड़े (Lungs)

अब हम बात करते हैं फेफड़ों की

हमारी सांसों को फेफड़े ही ग्रहण करते हैं। और वापस करते हैं। फेफड़े की समस्या का मतलब है, हमें जीवन को अपने अंदर पूरा उतारने से डरते हैं । या यह भी कि डरते हुए ही सोचते हैं कि हमें पूरा जीवन जीने का कोई हक नहीं ।

पुरुषों के मुकाबले में महिलाएं छोटी-छोटी सांस लेती हैं। उन्होंने अपने बारे में इतनी गलत धारणा बना रखी है। कि उन्हें अपनी जगह लेने में भी डर लगता है। यहां तक कि वे जीवन जीने में भी अपना बराबरी का हक नहीं समझती । अब महिलाओं का जीवन भी बदलने लग गया है ।

अब वह भी बाहर निकल गई हैं। और वह भी जीना चाहती हैं । हर क्षेत्र में तरक्की कर रही है। पर तरक्की के साथ-साथ सांस लेने में रुकावट और सिगरेट शराब पीना उस तरह के जीवन को नकार रही है। पीने वालों का खुलकर विरोध कर रही हैं। परंतु सिगरेट और शराब दोनों ही हमारे शरीर के लिए बहुत नुक़सानदेह हैं। लोगों को उसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा। यह बहुत जरूरी है ।

वक्ष Breast

अब हम बात करते हैं वक्ष की,

वक्ष हमारे प्रेम का प्रतीक हें। वह हमारे मात्रत्व को दर्शाता है । वैसे मात्रत्व का मतलब बच्चों के पालन से ही है। यदि वक्ष में कोई परेशानी है तो इसका मतलब है कि हम किसी व्यक्ति को या उस जगह को या किसी अन्य चीज को,एवं किसी अनुभूति को अति यानि बहुत ज्यादा मात्रत्व दे रहे हें।

वक्ष में आज कल माताओं को कैंसर की शिकायत होने लगी हें।क्या आप जानते हें, कि कैंसर की वजह क्या होती है। उन्हें बहुत ज्यादा असंतोष का भाव हो जाता है । उन्हें अपने मन से इस असंतोष के भाव एवं डर को निकाल देना चाहिए क्या आप जानते हैं ईश्वर ने सहन करने की शक्ति सबसे ज्यादा औरत को दी है।

ह्रदय (HEART)

बात करते हें ह्रदय की ,

हृदय हमारे प्रेम का प्रतीक है।खून और प्रसन्नता का प्रतीक है। हमारा हृदय प्रेम और प्रसन्नता को हमारे शरीर में प्रवाहित करता है।

परंतु जब वह दुखी हो तो क्या होगा?

तो वह क्या दुख और नफरत ही प्रवाहित करेगा?

हां क्योंकि हमारा शरीर चलता ही विचारों पर है। अगर वह ऐसा करेगा तो शरीर को उतनी तेजी से खून नहीं मिलेगा।जितना खुशी और प्रसन्नता में मिल रहा था।

तो खून का दौरा मंद हो जाएगा। और हम एनीमिया एनजाइना और हार्ट अटैक की शिकार हो जाते हें ।

हृदय हम पर कभी भी अटैक नहीं करता, परंतु हम ही अपने आसपास ऐसे जाल के घेरे बना लेते हैं, कि हमें अपने आसपास के छोटे-छोटे सुख तो दिखते ही नहीं है। उनको हम हमेशा इग्नोर करते रहते हैं, जिस कारण हम अपने हृदय की सारी प्रसन्नता निचोड़ कर फेंक देते हैं। अब हृदय के पास क्या बचता है ,केवल मात्र दर्द जो हम उसको दुखी करके दे रहे हैं। दिल के दौरे वाले मरीज कभी प्रसन्न नहीं होते। और एक के बाद एक हार्टअटैक को जन्म देते रहते हैं।

1.आप अपने दिल को कैसे रखते हैं?

2.आपका दिल कैसा है?

सोने का दिल, पत्थर का दिल, खुला दिल ,काला दिल , प्रेम भरा दिल ,

गर्मजोशी से भरा दिल, यह आपको देखना है।

3. आपका दिल इनमें से किस जैसा दिखता है?

4.क्या हाल है आप के दिल का वही बता देगा ?

यह जानकारी मैने किताब You Can Heal Your Life BY LOUISE L . HAY ने लिखी है।

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