यहां वहां ,जहां देखो,
सब जगह मिल जाएंगे।
हर सड़क हर चौराहे पर,
उलझते दिख जाएंगे।
लगता है घर से ही,
लड़ झगड़ कर आए हैं।
गाड़ी चलाते-चलाते गुस्सा,
अपने साथ लेकर आए हैं,
अचानक देखा,
किसी ने गाड़ी में ब्रेक लगाया,
देखा सारी नाराजगी,
घर की, व्यापार की,
पूरी की पूरी,
उस टकराने वाले पर,
उतार आया।
सड़क पर गाड़ी चलाते,
हो जाते गुस्से से बेकाबू,
बस गाड़ी टच होने की देर है,
जवान पर न रहता काबू।
देख कर लगता है,
रोडरेज भी एक बीमारी है।
घर बार सब जगह का गुस्सा,
निकालने की तैयारी है।
हर व्यक्ति तनाव में है।
नाराजगी दिमाग पर सवार है।
किसी से भी बेबात ,
उलझ जाना, उनका शुमार है।
सड़क पर लोगों का गुस्सा,
सुलगता हुआ बम है।
कोई भी किसी से भिड़ जाता है।
जिसमें जरा भी दम है।
सड़क का गुस्सा,
कहां से कहां हमें ले जाएगा।
जो जीवन जीना चाहते थे।
उन्हें मौत के करीब ले आएगा।
जो होता है, वह जल्दबाजी,
और तनाव का परिणाम है।
इतनी जल्दबाजी ठीक नहीं,
झगड़ना उसका दुष्परिणाम है।
थोड़ा इतमिनान तो रखिए,
जल्दबाजी की आदत,
को छोड़िए, सब को मंजिल,
तक जाना है।पहुंच जाएंगे,
धैर्य तो रखिए,
देखा कल सिर्फ ,
स्कूटी से मोटरसाइकिल टकराई।
दो लोगों को बिन बुलाए,
आफत खींच लाई।
चाकू से वार कर,
उनकी जान पर बन आई।
सोचिए जरा सी नाराजगी,
उन्हें कहां तक ले आई।