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सफलता के सूत्र




सफलता का संबंध इंसान के दिमाग के आकार से नहीं बल्कि उसकी सोच के आकार से होता है।सोच का आकार इंसान की सोच के आकार पर ही उसके बैंक अकाउंट, उसके सुख के अकाउंट, उसकी संतुष्टि का कारण निर्भर है।

सफलता की कीमत होती है, बहुत ज्यादा होती है। क्योंकि चोटी पर पहुंचने के लिए आपको अपनी आत्मा, अंतरात्मा, अपना पारिवारिक जीवन,और अपने जीवन मूल्यों को बेचना पड़ता है। सफलता की कीमत इतनी ज्यादा भी नहीं होती कि आगे बढ़े हर कदम से लाभ ही होता है।

सफलता का मतलब है मेरा शानदार घर, मजेदार छुट्टियां,देश विदेश की यात्रा, नई चीजें , और आर्थिक सुरक्षा।

अपने बच्चों का ज्यादा से ज्यादा खुशहाली देना। यदि आपको कड़वाहटों में घुलते रहना पसंद है तो बेशक ऐसा

कीजिए।




मैं अपना दिल जलाने की बजाए उस व्यक्ति को माफ करना पसंद करती हूं जिसका भी हमारे मेरे प्रति गलत भाव था।

कैसा सोचते हैं आप, ऐसे ही होते हैं सुख इतना जैसे नदी प्रवाह हैं। उसे बढ़ाने के दो तरीके हैं। अपनी मांगों को कम करना ,अपने आमदनी को बढाना।

सफलता एक यात्रा है मंजिल नहीं। दौड़ वही जीतता है जो धीरे-धीरे लगा रहता हैं। आप अपने बच्चे को निर्धन तो नहीं चाहते हैं। परंतु क्या यह चाहते हैं ?

कि वह एक धनवान पशु बने यदि आप ऐसा चाहते हैं तो सावधान। उसकी पशुता की सर्वाधिक यातना पहले आपको भुगतनी होगी फिर समाज को।

आप जिस किसी से घृणा करते हैं इसमें गुण देखना शुरू कर दीजिए।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता उन्नति के रास्ते में आप कहां पर हैं?

आपकी जिंदगी आपके हाथों में ही है।इसका क्या स्वरूप देते हैं? यह आप पर ही है। अभी शुरू कीजिए कि कुछ कर दिखाएंगे ।

आप कुछ नहीं जानते तो शुरुआत करेंगे।मैं तो पूर्ण तरह यह नहीं जनता कि काम पूरा करने का क्या तरीका अपनाया हुआ है।

लोगों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। हमें अपने लक्ष्य उपलब्ध करने के लिए समय शक्ति और समर्थन चाहिए।

छोड़ो जाने भी दो की इच्छा को बढ़ावा देना। मानो नहीं जानो । भागो मत जो कुछ है, आज अभी और यही है।

तुम कैसे हो, उस सब का कारण तुम हो। तुम उसे बदल सकते हो। मैं यह नहीं कहता।

अपनी परिस्थिति को बदल दूं ।

शरीर तुम्हारा वाहन हैं उसे स्वस्थ रहने दो ।

यदि उसे भोजन की आवश्यकता है तो भोजन दो। यदि इसे सेक्स की आवश्यकता है तो सेक्स दो। जो भी इसकी आवश्यकता है। उसे दो।

धीरे-धीरे तुम पाओगे कि तुम्हारा शरीर तुम्हें परेशान नहीं कर रहा। बेहतर बनते जाएंगे।

आपको मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ।आपके पास भी बाकी लोगों जितने अधिकार एवं अवसर हैं। और आप चाहें दौलत के भंडार मे से जितना चाहे धन् ले सकते हैं ।

कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे दौलत यह जान सके कि वह किसके पास है। उसके पास भेदभाव करने की कोई मशीन नहीं होती।

इसलिए दौलत गलत फैसला नहीं ले सकती।कि आप उसके अनुसार है या नहीं।

पैसा भी नहीं जानता कि अमीर के पास जा रहा है। या गरीब के पास।

दिल में उसे गोपनीय रखना अच्छा होता है ।इससे हमें एक अलग ही ताकत मिलती है।

हमारी रोल मॉडल अमीर हैं इसलिए क्योंकि वो जी तोड़कर मेहनत करते हैं। उन में काम करने की इतनी काबिलियत होती है। जितना लोग एक महीने में करते हैं। और वह एक दिन में।

दौलत पड़ी पड़ी इंतजार करती है। कि कोई इस पर दावा करे।दावा वही कर सकते हैं।जो सुबह जल्दी उठते हैं।कड़ी मेहनत करते हैं।देर रात तक काम करते है।

मुझे अपनी टीम में आलसी मक्कार लोग नहीं चाहिए ।मेहनती ,समर्पित ,एकाग्र चित्त लगनशील,,महत्वाकांक्षी संकल्प वाले लोगों को टीम में शामिल करना चाहिए ।

जो अमीर बनना चाहते हैं धन भी ऑयल है ।जो हम सभी के इंजन को सही हाल में रहता है।

हम अपना काम करने में कितने भी माहिर हो जाएं पर आपके काम आपको मिले हुए समय से ज्यादा होंगे।

हमें अपनी जिंदगी और समय पर काबू करने के लिए अपने सोचने और काम करने का तरीका बदलना होगा।

ज्यादातर गतिविधि छोड़कर केवल एक चुनिंदा काम करें। आप किसी को कुछ दिखा नहीं सकते। आप तो बस उसे उसके भीतर खोजने में मदद कर सकते हैं।

सीखें ,सीखने व एवं सीखी हुई प्रक्रिया पर अमल करने पर जिंदगी बदल सकती है। आपके पास करने के लिए ढेर सारे काम है। परंतु समय बहुत कम है ।

नए काम और जिम्मेदारी समुद्र की लहरों की तरह आपके पास आने लगती हैं ।अतः आप हर काम कभी नहीं कर पाएंगे। जो आपको करनी है आप हमेशा कुछ या शायद बहुत से काम और जिम्मेदारी में पीछे रहेंगे।



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