
समझिए की आप के शरीर के अंग आप से क्या कहना चाहते हें । या क्या कह रहे हें।
बाहें
बाहों अब हम बाहों की बात करते हैं। हमारे जीवन के अनुभवों को थामने की ताकत को दिखाती हैं। बाहों का ऊपरी हिस्सा हमारी ताकत को कि हम क्या कर सकते हैं । और निचला हिस्सा हमारी योग्यता को कि कैसे कर सकते हैं।यह हमको दिखाता है। हम अपनी जिंदगी की सारी पुरानी यादें और उनसे जुड़ी भावनाओं को बाहों के जोड़ में सहेज कर रखते हैं।
कोहनी (Elbow)
हमारी कुहनियां किसी भी दिशा में बदलने का लचीलापन रखते हैं। सोचना हमें है अपनी बाहों के बारे में कि क्या करें कि हम अपने जीवन की दिशा बदलने को लेकर लचीले हैं? या अपनी पुरानी भावनाओं को लेकर हम हमेशा सख्त रहते हें । या उन्हें अपनी ज़िंदगी से हटाते हैं, या आगे सरकाते हैं। हम सब कुछ हाथों से देते हैं। और हाथों से ही लेते हैं।
हाथ (Hand)
हम हाथों से ही स्वयं को संभाल सकते हैं। यह साथ ना दे तो फिर गिर सकते हैं। और संभल भी ना पाए। हाथ नरम हो सकते हैं। सख्त हो सकते हैं । रूखे हो सकते हैं।
या बहुत ज्यादा सोचने की आदत से गांठ वाले भी हो सकते हैं।हाथों से हम कोई भी जादू या कलाबाजी भी कर सकते हैं। गठिया या यूरिक एसिड बढ़ने से भी हाथ टेड़े मेडे हो सकते हैं। डर के कारण भी हाथों में अकड़न हो सकती है। फिर चाहे वह डर किसी चीज के खोने का हो।या उस चीज का पर्याप्त मात्रा में ना होने का हो।
अगर हम चीजों को कसकर पकड़ेंगे तो डर अपने आप चला जाएगा। जब किसी से ज़बरदस्ती संबंध बनाते हैं। और वह व्यक्ति हमें छोड़ कर चला जाता है। तो हमारे हाथ अपने आप भिच जाते हैं।और हम फिर कुछ भी नया करने में असमर्थ होते हैं।परंतु जो हमारा है, उसे हम से कोई नहीं छीन सकता।फिर हम क्यों परेशान होते हैं।
उंगली (Finger)
उंगलीअब हम बात करते हैं उंगली की। हर उंगली का अपना एक अर्थ है।हर उंगली की अलग जरूरत है। उंगली में तकलीफ़ होने का मतलब है। कि हमें आराम की या हमारे दिल दिमाग में जो चल रहा है। उसे भुलाने की जरूरत है। यदि आपके अँगूठे के पास वाली उंगली में परेशानी है। तो इस समय आपका आपके गुस्से और डर की वजह से हैं। अंगूठे में दिक्कत आप की चिंताओं का प्रतीक है।
मध्यमा यानी बीच वाली उंगली सेक्स और क्रोध को बताती है। जब आपको गुस्सा आए तो अपनी बीच वाली उंगली को पकड़े। और देखें आपका गुस्सा कहां गया?
यदि गुस्सा किसी आदमी पर है। तो दाएं हाथ की बीच वाली उंगली और अगर औरत पर क्रोधित हें। तो बाएं हाथ की बीच वाली उंगली पकडें।
सबसे छोटी उंगली मिलन और दुख का प्रतीक है। इसका सीधा संबंध परिवार एवं दिखावा करने से है।
पीठ (Back)
अब हम बात करते हैं अपनी पीठ की पीठ का मतलब ही सहारा होता है। जब हम टिक कर बैठते हैं तो कहते हैं कि सहारा लेकर मत बैठो।
जब हमें पीठ में परेशानी होती है। जब हम यह सोचते हें कि हमारा कोई भी सहारा नहीं है।
1.क्या ज़िंदगी में नौकरी ,परिवार ,और जीवन साथी का ही सहारा होता है।
2.क्या आपको पता है इनके अलावा हम खुद और यह पूरा ब्रह्मांड भी हमारा सहारा होता है? पीठ के ऊपरी भाग में दर्द होता है तो यह परेशानी हमारी भावनाओं में कमज़ोरी दिखाती है। हमें ऐसा लगता है कि जिन से भी हम प्रेम करते हैं, वह हमारी भावनाओं को नहीं समझते।
पीठ का बीच का भाग समस्या और अपराध बोध दिखाता है। यानी जब हम नहीं होते हैं तो हमारे पीछे क्या होता हें।
क्या हम उस समस्या का सामना करने से डरते हैं?
जो हमारे पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं।या कुछ हमारे लिए गलत करते हैं।
1.वह हमसे क्या छुपाना चाहते हैं ?
2.क्या हमको कभी ऐसा लगता है कि ऐसे लोग हमारे पीठ में छुरा घोंप सकते हैं?
3.क्या हमें यह एहसास होता है कि अब हमारे बस का कुछ करना नहीं है?
4.क्या हमारे पास पैसा खत्म हो गया है?
5.क्या हम यही परेशानी सोचते रहते हैं?
6. क्या हमारी पीठ का निचला हिस्सा भी हमें बहुत परेशान कर रहा है?
7.इसका स्पष्ट कारण है क्या आप जानते हें ?आपके पास धन का अभाव या धन ना होने का डर ही आप के दर्द का कारण है।
अधिकतर लोग सोचते हैं कि जिंदगी में धन के अलावा किसी का भी इतना महत्व नहीं है।
यह जानकारी मेंने YOU CAN HEAL YOUR SELF से ली है।