अपडेट करने की तारीख: 24 जन॰ 2022

क्या आप अपने कर्जों से छुटकारा पाना चाहते हैं?
हर व्यक्ति कहेगा
हां भाई हां मुझे अपने कर्जों को खत्म करना है। मुझे इससे निजात पाना है।
कल ही मुझे इसका मूल मंत्र मिला। मैंने सोचा क्यों नहीं यह मंत्र मैं आपसे सांझा करुं। जिससे आपको भी फायदा हो जाए।
कर्ज से छुटकारा यानी धन की आजादी।धन की आजादी तो आप समझते हैं।बहुत से लोग कितनी मेहनत करते हैं।पर उनका पर्स खाली ही होता है।
खाली पर्स देख देख कर उन्हें अपनी जिंदगी भी व्यर्थ लगती है।पर इसके लिए योजना बनानी होगी।
बिना योजना के हम कर्ज़ जैसे पहाड़ को खत्म नहीं कर सकते।
तुम्हारा कर्ज़ ही तुम्हारा सबसे बड़ा दुश्मन है।हम यह नहीं कहते कि कर्ज़ लेना कोई गुनाह है।पर कर्ज़ नहीं चुकाना एक गुनाह है।
जिन से कर्ज़ लेते हैं।वे या तो हमारे मित्र होते हैं। या जानकार, या बैंक होती है।
इसके लिए हमें सबसे पहले कर्ज चुकाने की इच्छा को जागृत करना होगा।
क्या हम उस रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं?
जो रास्ता हमारे कर्ज को खत्म करने की ओर जाता है।
क्या हम अपना कर्ज चुकाने की प्रबल इच्छा रखते हैं?
चाहे कितना भी क्यों ना हो ?
क्या हम कर्ज को चुकाने के लिए तैयार हैं ?
जब हमने संकल्प किया कि हमको कर्ज रहित होना है। जहां संकल्प होता है। वहां राह निकल आती है।

1.पहले हम अपने सभी कर्ज देने वालों से मिलना चाहिए ।
2.हमको अपने कर्ज़ की लिस्ट बनाना चाहिए।
3.उसका पूरा जोर जोड़ निकालना चाहिए। कुल रकम कितनी है।
अब हमें अपने कर्ज चुकाने के नियम पर काम करना है।
पहले हमें हमारी आमदनी क्या है?
उसे देखना होगा। अब हमें अपनी आमदनी के तीन हिस्से करना है ।
1.पहला हिस्सा 10 परसेंट का हमें अपनी बचत के लिए रखना है।
2.दूसरा हिस्सा 70 परसेंट काअपने घर खर्च और अन्य खर्च के लिए रखना है।
3.तीसरा हिस्सा बचा हुआ 20 पर्सेंट का अपने सभी कर्ज़दारों में बराबर बांट देना है।
उन सभी से मिलकर,उनको यह यकीन दिलाना है कि मैं यह 20 परसेंट पैसा हर महीने सभी कर्ज़दारों को बराबर बराबर हिस्से में बांट कर अपना कर्ज चुकाऊंगा।
याद रहे 70 परसेंट का बजट 70 परसेंट में ही चलना चाहिए।चाहे कैसे भी चलाना पड़े।
10 परसेंट बजट बचत को तो हाथ भी नहीं लगाना क्योंकि यही वह पैसे हैं। जो आपको कर्ज मुक्त करवाकर अमीर बनाने में सहायक होंगे।
फिर कभी आपका बटवा खाली नहीं रहेगा। 10 पर्सेंट जो आप बचा रहे हैं। उन्हें आप किसी भी जमीन में या सही जगह निवेश कर सकते हैं।
यह आपकी आमदनी रूपी पैसों के बच्चे हैं।जो आपके लिए कमाना शुरू करेंगे।
सारा झमेला है 70 परसेंट की आवश्यक खर्च का है। सच बात तो यह है जैसे ही आप की आमदनी बढ़ती है।आपके आवश्यक खर्च भी उसी अनुपात में बढ़ जाते हैं।
जब तक कि हम उन्हें रोकने की कोशिश ना करें। आपको इसके लिए अपने आवश्यक खर्च और अपनी इच्छाओं के बीच में अंतर है। उसे समझना होगा।
कर्ज़ का कारण आपकी और आपके परिवार की इच्छा कमाई से ज्यादा होना।
इक्छाओं की संतुष्टि के लिए आमदनी का कम पड़ जाना।और बहुत सी तो कर्ज के बोझ तले ही दब जाती हैं।
इच्छा है क्या है ?
हर चीज की सीमा होती है। खाने की सीमा, आराम की सीमा, मौज मस्ती की सीमा, घूमने फिरने की सीमा,परंतु इक्छाओं की कोई सीमा नहीं होती।
इच्छाओं का मुंह सुरसा का जैसा है।बढ़ता ही जाता है।
जैसे जहां कुछ नहीं होता। जो जगह खाली होती है ।वहां खरपतवार उग जाती है।
वैसे ही जैसे इच्छा पूरी होने की उम्मीद दिखती है। तो बढ़ती जाती है।
इच्छाओं को बजट के हिसाब से मोड़ दीजिए।
बजट आपकी अंधेरी गुफा में चमकती वह मशाल है ।जो आपको बताएगा कि आपके पर्स में इक्छा रूपी छेद कहाँ पर है।
उन्हें कैसे नियंत्रित करना है?
यकीन करिए कि अगर आपने अपने पैसों को इसी तरह 3 भाग में बांटकर उसका उपयोग किया तो आप बहुत जल्दी कर्ज से मुक्त हो जाएंगे।
कर्ज़ खत्म करने का यह तरीका और काम करना।बस यही से कर्ज को गुड बाय कह दें।
(यह मैंने जार्ज एस . क्लासन की बुक (बेबिलाँन का सबसे अमीर आदमी) से लिया है)
धन्यवाद