1. क्यों अपने ही घर में बुजुर्ग आदमी अपने को कैदी समझता है।यह दिल की दिल से कही हुई बात है। आपको इसमें जो दर्द महसूस होगा। वह आज के अधिकतर बुजुर्गों का है। क्योंकि इसकी वजह है। जब वह काम करता है, या जॉब करता है, बिज़नेस करता है, या कोई और पैसे कमाने के लिए कुछ और काम करता है।

तब वह घर को बनाने में सब कुछ लगा देता है।लेकिन क्योंकि जब है रिटायर्ड होता है।तब वह सिर्फ अपने घर के अपने कमरे में ही बंदी जैसा बन कर रह जाता है।जिस परिवार को वह अपना समझता है।अपना दिल समझता था।परिवार के लिए दिल में रहता था।क्योंकि वह काम सब बंद हो जाते हैं।और वह फ्री हो जाता है।
2. क्योंकि पहले काम उसकी जिंदगी था।अपना काम होना उसके लिए काफी था। पर काम ना होने के बाद घर में उसकी कीमत घर के सदस्य की तो होती है।परंतु क्योंकि उस सदस्य का घर में होना या ना होना कोई कीमत नहीं रखता।
किसी के दिल में उनके लिए दर्द नहीं है।सब लोग यही चाहते हैं कि उन्हें किसी से कुछ कहने की जरूरत नहीं है।उन्हें अपना मुंह बंद रखना चाहिए।क्योंकि यदि वह बोलता है।तो उसे कोई पसंद नहीं करता।क्योंकि हम सबको जब कोई नसीहत देता है।वह हमको पसंद नहीं आती।
तो फिर हम देखते हैं।ऐसे आदमी धीरे-धीरे कैदी जैसा बन जाता है।क्योंकि जब किसी को यह पसंद नहीं तो आप ना होते,ना ही किसी को बदलने की कोशिश करे,चुपचाप रहे ,अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी जिओ।
और किसी को कुछ ना बताएं कि आप कितने दुखी या परेशान हैं।अपने दिल की बात को दूसरों के दिल तक ना पहुंचाएं।क्योंकि घर के लोग नहीं चाहते।आप ड्राइंग रूम में बैठे,या आप खाने की टेबल पर सबके साथ खाना खाएं।
3. क्योंकि अगर आप घर के मेहमान आए।तो भी आपको उनसे मिलने की इजाज़त नहीं।उसे अपनी परेशानी बताने और उसका समय खराब करने की जरूरत नहीं।उनके दिल में सारी भावनाएं खत्म हो जाती हैं।क्योंकि वृद्धावस्था है तो आप से ग़लतियाँ तो होंगी ही।
4. क्योंकि जब हमारी उम्र बढ़ती है।परंतु हमारी समझदारी बढ़ना बंद हो जाती है।जवानी में हमें लगता है।
5. क्योंकि बुढ़ापा ऐसी चीज है।जो बुरे लोगों के साथ ही होती है।लेकिन एक दिन सभी को बूढ़ा होना होता है।चाहे जो भी करें, जैसे भी करें हम बूढ़े होंगे।जैसे-जैसे उम्र बड़ेगी बुढ़ापा बढ़ता जाएगा।हमारे दिल के सारे अरमान धुल जाते हैं।
6. क्योंकि यह सब सब के साथ तो नहीं होता।परंतु बहुत सारे लोगों के साथ होता है।आदमी केवल काम करता अच्छा लगता है।क्योंकि बुजुर्ग आदमी का ना केवल बोलना,बल्कि उनका हंसना,उनका कभी खुश होना, घरवालों को अखरने लगता है।
7. क्योंकि लोग समझते हैं कि बुजुर्ग होना उसके जीवन का खत्म होना।केवल अपने दिन पूरे करने है।तब हमें दुनिया छोड़कर जाना है।ऐसी दुनिया से बुजुर्ग आदमी का दिल भर जाता है।क्योंकि कभी-कभी मुझे लगता है।आदमी को जल्दी-जल्दी बहुत सारी ग़लतियाँ कर लेनी चाहिए।जिससे ग़लतियों को ना दोहराए।
8. क्योंकि हो सकता है।ग़लतियाँ बुरा स्वभाव ,बदतमीजी, ओर गलत व्यवहार हो।
यह सब हो पर आपको इन सब को छोड़ना होगा।इन सब के चलते आपको अपने कमरे में अपनी एक दुनिया बनानी होगी।जो आपको पसंद नहीं आएगी।
9. क्योंकि जैसे जेल में कैदी को एक कमरा मिलता है।वैसे ही आपको भी सिर्फ अपने ही कमरे में रहने की इजाज़त होगी।वह भी उस घर के उस कमरे में जो घर आपने ही बनाया।उस घर के मालिक भी आप ही हैं।परंतु आप पूरे घर में नहीं घूम सकते।
10. क्योंकि जो घर आपने सजाया था।
यह सोच कर कि जब आप बुजुर्ग होंगे।तब आप उस में सुकून से रहेंगे।लेकिन आपके परिवार को आपके कपड़े, आपका चलने का ढंग,आपका खाने का,स्टैंडर्ड से उन्हें अपनी इंसल्ट महसूस होती है।
11. क्योंकि मुझे पता है यह सब आपको सोचने पर मजबूर कर रहा है।कि कितने सारे बुजुर्गों को उनके घर में इतनी तकलीफ़ देते हैं।जैसे जेल में कैदी को उसके साथ वाले परेशान करते हैं।
12. क्योंकि जिस घर में उन्होंने सुकून की कल्पना की थी।उस घर में उस बुजुर्ग दंपति का पेट भर खाना मिल जाए तो बड़ी बात है।
वरना दोनों अपने आप को अपने कमरे में एक कैदी की तरह बंद कर लेते हैं।वह भी हमेशा के लिए हम यही सोच कर अपने बच्चों को पालते हैं।कि वह बड़े होकर हमारा सहारा बनेंगे।हम उनकी सारी इच्छाएं पूरी करने के लिए अपनी इच्छाओं को त्याग देते हैं।पर जब हम बुजुर्ग होते हैं।तब उन्हें क्या मिलता है।अपने ही घर में सबसे खराब कमरा जो किसी को भी पसंद नहीं होता।वही उनकी जेल होता है।
13. क्योंकि इतना सब होते हुए भी वह बुजुर्ग दंपत्ति अपने परिवार के खिलाफ किसी को कुछ नहीं बताते।
14. क्योंकि उन्हें अपने परिवार की इज़्ज़त बहुत बड़ी होती है।इतना ही नहीं कुछ परिवारों में बच्चे अपने ही पिता पर हाथ भी उठा देते हैं।जब उन्हें कोई परेशानी होती है।तो उनकी आवाज़ भी नहीं सुनते,क्योंकि जैसे जेल में जब कोई कैदी होता है।तो यह उनसे मिलने आने वालों पर निर्भर करता है।
कौन उसे याद कर रहा है?
या क्या उससे मिलना चाहता है?
वैसे ही बच्चों का निर्भर करता है।कि वह अपने माता-पिता से मिलना चाहते हैं।या नहीं।वह उनके पास आते हैं।या नहीं।क्योंकि यह समस्या एक आम समस्या है?
इसके लिए वृद्ध आश्रम भी होते हैं।परंतु माता-पिता क्यों वहां जाएं।उनका बनाया घर है।
परिवार के साथ ही रहना चाहते हैं।चाहे उनसे बात करें या ना करें।उन्हें दूर से देख कर भी खुश हो जाते हैं।
क्योंकि कुछ परिवारों में उनके बच्चे उन्हें छोड़कर विदेश चले जाते हैं।और वह अपने घर में कभी कभी मर भी जाते हैं। और किसी को पता ही नहीं चलता।
15. क्योंकि जब पता चलता है।तो कई बार बच्चे कह देते हैं।हमें छुट्टी नहीं मिल रही। टिकट नहीं मिल रही।
16. क्योंकि बच्चे नहीं आ रहे।तो अंतिम संस्कार पड़ोसी रिश्तेदार कर देते हैं। जब की माता पिता बहुत खुश होते हें।कि उनके बच्चे विदेशों में कमा रहे हें। पर जानते नहीं की वह उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं आ सकेंगे।
माता-पिता सोचते हैं।कि हम कहां गलत थे?
क्यों कोई भी उन्हें नहीं समझता ?
क्यों उन्हें अपने दुखों अपनी बीमारियों,अपनी व्यथा के साथ अकेले ही संघर्ष करना पड़ता है?
क्योंकि उनके साथ बुजुर्ग होने की वजह से छोटी-छोटी शारीरिक परेशानियां तो चलती रहती है?
परंतु इन परेशानियों के साथ उनको अकेले एक कैदी के जैसे लड़ना पड़ता है।
कोई उन्हें पूछे,उनको सांत्वना दें।उनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं होता।कई बार बच्चे बहुत गंभीर बात कह देते हैं।या कोई इल्जाम लगा देते हैं।और आपको वह सब सुनकर बड़ा दर्द होता है।अफसोस होता है।परंतु फिर भी आप समझदार होते हुए।उन बातों को हल्के में ले लेते हो।और यह सोच कर दिल को संभाल लेते हो।
और सोच लेते हो बस इतनी सी बात ही तो है।मुझे इस बात से परेशान नहीं होना।
ऐसा इस घर से क्यों नहीं है?
17. क्योंकि आप को कौन से शिकायत करनी थी?
पर आप समझ जाते हो कि बात को बढ़ाने से कोई फायदा नहीं होने वाला।इसलिए शिकायत छोड़कर,आप क्योंकि यह स्वीकार कर चुके हो ऐसा नहीं है।और बात को खत्म कर देते हो।
18. क्योंकि हमारी राय हमारे बच्चों के बारे में स्पष्ट होनी चाहिए।ऐसा ना हो कि कोई भी आया।और उसने हमें अपनी बातों से हमारे बारे में कुछ कह दिया।क्योंकि यह पहले तो बड़ा आसान दिखता है।पर होता बहुत मुश्किल है।
19. क्योंकि हमें अंदर से तो हमेशा कई डर लगे रहते हैं।कि कहीं बच्चे हमारा घर तो नहीं छीन लेंगे।हमें आश्रम तो नहीं भेज देंगे।क्योंकि हमारे मन में यह जो शंका होती है।हम समाज में बहुत लोगों के साथ ऐसा हो तब देखते हैं। इसलिए हम परेशान रहते हैं।और दूसरों द्वारा कही हुई बात को सच मानने पर मजबूर हो जाते हैं।
क्योंकि हो सकता है?
1.आपको अपने को पूरा बदलना पड़े।
2. मिनट आपको अपना गुस्सा छोड़ना पड़े।
3.अपनी बीमारी को सहन करना पड़े।
4.अपने आप को भगवान के भजन कीर्तन में लगाना पड़े।
5.बिना किसी को परेशान किए हुए यह सब करना होगा।
अमेरिका में बुजुर्ग लोग अपने परेशानियां और समस्याएं दूर करने के लिए जिस चीज का प्रयोग करते हैं।वह पैसा हें।क्योंकि जिंदगी की समस्या को हल करने के लिए ज्यादा हाथों और नाज़ुक स्पर्श की जरूरत होती है।वह लोग उसे पैसों से सुलझा लेते हैं।और वास्तविक उपाय खोजने के झंझट से बचना चाहते हैं।
जिसमें ध्यान समय और प्रवाह की जरूरत होती है।
क्योंकि उनके हिसाब से हर समस्या को पैसे से ही सुलझा सकते हैं।वह संबंधों को घड़ी की तरह देखते हैं।की घड़ी खराब हो जाए तो दूसरी नई खरीद लो ठीक हो जाएगा।क्योंकि किसी चीज पर पैसा फेंकना हमें शक्तिशाली महसूस करवा सकता है।
परंतु हर चीज में पैसा काम नहीं करता।हम किसी दूसरे तरीके से कैसे स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।पर हम घड़ी को ठीक भी तो करवा सकते हैं।वैसे ही कोशिश करके हम रिश्ते भी ठीक कर सकते हैं।
बुढ़ापा और बीमारियाँ
जब हम बुजुर्ग होते हैं।तो काफी चिंताएं घेर लेती हैं।
जैसे हम ज्यादा बूढ़े हो रहे हैं।
हम ज्यादा थक रहे हैं।
हमारी सुंदरता खत्म हो रही है।
हमारी फिटनेस खत्म हो रही है।
मानसिक रूप से हम असंतुष्ट हो रहे हैं।
सभी तरह से हम कमजोर हो रहे हैं।
हम चीजों को भूल रहे हैं।
हम ज्यादा चल नहीं सकते।
हमें कई बार यह भी याद नहीं होता की हमने खाना खाया था की नहीं।
हमें चलते समय गिरने से डर लगता है।
हमें भूख नहीं लगती।
आँखों से कम दिखता है।
कानों से काम सुनाई देता है।
शरीर साथ नहीं देता।
हाथ पैर कांपने लगते हैं।
कहते हैं की बुजुर्ग मैँ एवं बच्चों मैँ फर्क नहीं होता। बुजुर्ग को हम एक बच्चे की तरह ही डील कर सकते हैं।वह भी बच्चों की तरह ही जिद करते हैं।
क्योंकि जैसे जेल में रहना।अकेले रहना।किसी को आपकी परवाह ही नहीं।
सबसे बड़ी परेशानी अकेलापन है।
किसी के पास बात करने का वक्त का ना होना।
कैदी भी इसी तरह से सोचता है। चिंताएं करता है।वैसे चिंता करने की वजह काफी नहीं है।पर अकेले आदमी क्या करेगा।सोच सोच कर एक-एक चिंता को ढूंढेगा। क्योंकि यदि आप इन सब चिंताओं से परेशान है।तो आप अपनी सेहत के लिए डॉक्टर के पास जाएं।क्योंकि जब कैदी बीमार हो जाता है।तो पुलिस अस्पताल भेजती है।
परंतु यदि माता-पिता में से कोई बीमार होता है।तो बेटे को ही डॉक्टर को दिखाना पड़ता है।
क्योंकि उसे लोग क्या कहेंगे की चिंता होती है।