अपडेट करने की तारीख: 14 फ़र॰ 2022
यह मैंने बहुत घरों को देखने के बाद के अनुभव से लिखा है। जब नया घर बनाते हैं तब लोग अधिकतर पुराने सामान को कबाड़ मैँ डाल देते हैं। ऐसा लगता है कि इतने दिन से उस सामान से जो रिश्ता जुड़ा था वह झूँठा था। क्यों की उन्हें जरा भी दर्द नहीं होता। उन सामानों को फेंकने मैँ जो कभी उन्होंने बड़े शौक से खरीदे थे। कभी सोचती हूँ की कोई ऐसा कैसे कर सकता है।केवल सामान ही नहीं भगवान की जो पुरानी तस्वीरें हैं। वह भी उठा कर रख दी जाती हैं। क्यों की घर नया हैं।
अपने बुजुर्गों की तस्वीर भी किसी स्टोर मैँ रख देते हैं। वह निकलती है जब श्राद्ध आते हैं।क्या इसलिए ही नया घर बनाते हैं? नया घर बनाना कोई गलती नहीं। पर अपनों को अलग तरह से देखना यह ठीक नहीं।नया घर बनाया।तो दोस्त भी नये बन गये। अब जो रिश्ते आप के साथ मैच नहीं करते उनके साथ निभाना आप के लिए बहुत मुश्किल लगने लगता है। अब रिश्ते भी नये बनने लग गये।कहीं कहीं तो घर वाले भी पुराने लगने लग गये।पर मजबूरी है। सोचने वाली बात तो यह है की यह नया घर किस लिए बनाया था।
लोगों को अपना रुतबा दिखने के लिए या अपने सपनों को पूरा करने के लिए बनाया था। पर जनाब घर चाहे कितना भी सुंदर एवं बड़ा क्यों ना हो पर बिना अपनों के वह बेकार है। क्यों की घर मैँ गूंज अपनों की होती है। दीवारें अपने आप नहीं बोलती।
अपनों का घर

सपनों का घर
जब किसी ने नया घर बनाया।
तो सब कुछ ही बदला पाया।
हर सामान का,
ठिकाना बदल गया।
क्या छोटा क्या बड़ा,
जगह से हिल गया।
बहुत सोचने पर पाया।
क्या सामान ही बदला।
नहीं सामान के साथ,
सब कुछ बदल गया।
जो पुराने थे,
उन्हें कबाड़ में डाल दिया गया।
जो कभी कीमती थे,
उन्हें यूँ ही फेंक दिया गया।
पर यह सिर्फ सामान,
तक सीमित नहीं है।
सामान के साथ,
रिश्ते को भी बदला पाया।
जो पुराने रिश्ते थे,
वह कम कर दिए गए।
अपने जैसे ही मिलते,
नए रिश्ते को अपनाया गया।
रिश्तों का पैमाना,
दौलत से तोला गया।
दौलत वाले रिश्तों,
को ही अपने करीब पाया।
सिर्फ घर नया बनाया,
हालात बदल गए।
घर में रहने के,
सब के सब नियम बदल गए।
रिश्ते नाते व्यवहार,
सभी पूरे बदल गए।
घर ही नहीं,
घर वाले भी बदल गए।
जो कल तक अपने लगते थे,
वह पराए हो गए।
जो घमंडी लगते थे,
वह बहुत नजदीक हो गए।
घर क्या?
घर के किसी कोने को,
जरूरत नहीं पुराने सामान की।
क्योंकि वे कहीं मैच नहीं हो रहे।
नया घर बनाओ तो,
भूल जाना ना अपनों को।
घर चाहे कैसा भी हो,
पर साथ रखना अपनों में,
उनके सपनों को।
आओ एक नया घर,
हम भी बनाए।
उस नये घर में अपने,
उन अपनों को,
और और करीब ले आयेँ।
उनके साथ खुशियों,
के पल याद कर।
अपने नए घर को,
खुशहाल बनाएं।
आओ एक नया घर,
हम भी बनाएं।