अपडेट करने की तारीख: 6 फ़र॰ 2022
यह में कविता की जैसे ही लिख रही हूँ। परंतु यह कविता नहीं हें।

आज काल हर व्यक्ति की ज़िंदगी में कुछ ना कुछ ऐसा चल रहा हें।
क्यों की आज कल सबके साथ ऐसा ही हें।
सीने में जलन आँखों, में तूफान सा क्यों हें?
हर जगह हर व्यक्ति परेशान सा क्यों हें?
यही सोच कर मैने कुछ लिखने की कोशिश की हें।
यह कोशिश जरूर लोगों की परेशानियाँ कम करेगी।
क्या बात है?
क्यों व्याकुल हो?
क्यों परेशान हो?
कौन परेशान कर रहा है?
मन शांत है,जब सब पास है।
आओ मन को समझाएं।
शांत करें,जो अशांत कर रहे हैं।
उन्हें करने दे।
हम अपने मन को,
शांत होने की आज्ञा दें।
क्यों ना अपने मन को बोले?
क्या इतनी सी बात ही तो है?
सोचो क्या छुपा है?
इसमें क्रोध की शांति छुपी है।
हमने दूसरे की बात,
को इतना सा माना है।
यह पहला तरीका है।
मन शांति का।
उसका व्यवहार जब दर्द दे गया।
झूठ बोला,धोखा दिया।
दिल दुखाया,
क्या सोचो ? क्यों सोचो ? कैसे सोचो ?
क्यों मन को बताएं ?
व्यवहार दर्द दे गया।
जो किया,उसने किया।
मेरा क्या ?
मैं क्यों अशांत हूं ?
इतनी सी बात।
जब भी सोचो,
बस यही इतनी सी बात।
यह सोच हमें बल् देगी।
हमारी शक्ति बढाएगी।
माफ कर दीजिए।
आगे बढ़ जाओ,यही बताएगी।
जब भी फोन देखते हैं।
डिस्चार्ज ना हो जाए।
उसे चार्ज करते हैं।
मन व्याकुल है,अशांत है।
उसे कब चार्ज करेंगे।
सोचा क्या जिंदगी में ?
जो चल रहा है,वह नॉर्मल है।
जिंदगी है तो तनाव तो होगा ही।
जिंदगी है तो दर्द तो होगा ही।
जिंदगी है तो दुख तो होगा ही।
जिंदगी इन सबके साथ ऐसे ही चलती हैं।
जिंदगी का दूसरा नाम ही एडजेस्टमेंट है।
यह नॉर्मल नहीं,तो नॉर्मल क्या है ?
माफ करना,खुश रहना।
यह नॉर्मल है।
परेशानी की वजह,
दूसरों को मानते हैं।
तो क्या सोचते हैं ?
यह सोच हमारी मन की,
क्या करते हैं ? समझते हैं।
बैटरी को प्रभावित करती है?
बस यही बदलना है।
बैटरी को बचाना है।
अपनी खुशी हर दम,
अपने हाथ में रखनी है।
ऐसा नहीं कोई भी आए,
खुशी को गम में बदल जाए।
मन को अशांत,
होने से बचाना है।
हर बार इतनी सी बात,
ही है याद दिलाना।
वजह खुश होने का,
कारण नहीं होनी चाहिए।
आप को कुछ मिला,
आप खुश हो गये।
वह वापिस ले किया गया,
आप दुखी हो गये।
तो सिर्फ वजह से,
खुश होना खुशी नहीं।
क्यों कि वजह कभी भी,
छीन ली जा सकती हें।
कारण चाहे कुछ भी हो,
बस सिर्फ इतना याद रहे।
कोई फरक नहीं पड़ता,
इतनी सी बात हें,
यह दिल में बैठ जानी चाहिए।