top of page

रिटायरमेंट क्या जरूरी हें

अपडेट करने की तारीख: 14 फ़र॰ 2022


जब हम बड़े हो जाते हें।तब हर आदमी के लिए वह समय व्यतीत करना बड़ा मुश्किल होता हें।

उसके बारे में सब यही सोचते हें। कि अब वह किसी काम का नहीं हें।

अब या तो उसे आराम करना चाहिए या भगवान का भजन करना चाहिए।

पर कोई भी यह समझना ही नहीं चाहता की रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती।

भगवान ने ऐसी कोई उम्र नहीं बनाई।


भगवान ने हमें जो शरीर में मशीन दी हें।


वह बिना भगवान के बुलाए बिना या हमारी खराब आदतों,

व गलत इस्तेमाल के बिना खराब नहीं होती।

तो फिर कोई कैसे रिटायर हो सकता हें

रिटायरमेंट की उम्र

रिटायरमेंट की उम्र नहीं होती,

लोग रिटायर्ड मान लेते हैं।

जैसे ही उम्र बढ़ती है,

लोग बेकार जान लेते हैं।

लोग सोचते हैं कि मैं,

रिटायर हो गया हूँ।

जिन कामों में व्यस्त था पहले,

अब उन कामों से,

फारिक हो गया हूँ।

लोग सोचते होंगे,

पर मैं रिटायर नहीं हूं।

पहले सबको बहुत,

व्यस्त लगता था।

पर अब बेकार लगता हूं।

रिटायर नहीं हूं,

पर रिटायर लगता हूं।

किसी को जरूरत नहीं,

मेरी मैं कहीं भी रहूं।

यहाँ रहूँ या वहाँ रहूँ।

चाहे मेरी कीमत,

किसी को नहीं।

पर मैं अभी भी सब,

कुछ कर सकता हूं।

सब कुछ कर लेने के बाद,

भी रुक नहीं सकता हूं।

अब सब कुछ,

व्यर्थ लगता है।

पर रिटायर नहीं हूं।

अभी तो बहुत हिम्मत है।

तजुर्बा है,इच्छाएं हैं,

उन्हें पूरी करने का,

हौसला भी बड़ा है।

रिटायर ना समझो अभी,

भी मंजिल पर पहुंच सकता हूं।

क्यों मुझे रिटायर,

करने पर तुले हो।

मेरे तजुर्बे को व्यर्थ,

करने पर तुले हो।

अभी तो मेरी उम्र शुरू,

हुई है तजुर्बे की।

अपनी उम्र के,

तजुर्बे को भुनाने की।

उन को अमल में लाकर,

खुशी मनाने की।

कृपया फिर कभी ना,

कहना में रिटायर हो गया हूं।

मैं अभी अपने को बड़ा,

व्यस्त महसूस कर रहा हूं।

मैं रिटायर होऊंगा,
जब दुनिया से अलविदा होऊँगा।
जब तक सांस है,
तब तक मुझे आस है।

काम करता था,करता हूं।

करता रहूंगा।

मैं रिटायर नहीं हूं,
ना कभी होऊँगा।
0 दृश्य0 टिप्पणी

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें
bottom of page