
हम सब इसकी भूख को हमेशा महसूस करते हैं। सबको जिंदगी में अपना सम्मान चाहिए। किसी छोटे बच्चे से पूछो। तो वह भी कपड़े अपने मनमाफिक पहनना चाहता है। और उस पर गर्व महसूस करता है।सम्मान की जरूरत सब को है। चाहे बच्चा हो या बड़ा हो।
और अगर आप अपनी मर्जी थोपना चाहते हो। तो वह उनको बुरा लगता है। सोचता है उसकी इज्जत ही नहीं है।
थोड़ा बड़ा होने पर वह चाहता है। होटल में ऑर्डर अपनी मर्जी से,वह खुद अपने लिए करें।
बड़ा होकर अपनी मर्जी के दोस्त बनाए। ना कि माता-पिता की मर्जी से।
हर चीज में अपने फैसले खुद लेना चाहते हैं। उसी को अपना सम्मान समझते हैं।
जब कि माता-पिता उसे वही बच्चा समझते हैं।जो पहले शब्द पर तुतलाया।पहले कदम पर गिर गया। पहले उंगली पकड़ के चला।
और अब वे बड़े हो गए हैं। और व्यवसाय करने लग गए हैं।या सर्विस कर रहे हैं।
यहां तक तो पिता के मार्गदर्शन से पहुंचे। ना कि अपने आप बन गए।
पर आज यदि पिता यह कहे कि ऑफिस में क्या हुआ?
काम में कोई परेशानी तो नहीं थी। कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है।
तो बेटा क्यों परेशान हो जाता है?
क्या इतनी सी बात में भी उसके सम्मान को ठेस लगती है?
सम्मान को ठेस तो पिता को लगनी चाहिए। क्योंकि सम्मान के हकदार तो वे हैं?
जिन्होंने तुम्हें काबिल बनाने में मदद की।पर बेटा सोचता है।अब वह ही सब निर्णय ले सकता है। उसे पिता की सलाह नहीं चाहिए।
पिता को बेवजह दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए। पिता अब तनाव में है। वह तनाव में समय व्यतीत कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें जितना सम्मान पहले मिलता था। उतना अब नहीं मिलता।
पिता का दम घुट रहा है। उन्हें लगता है कि जैसे अब किसी को उनकी जरूरत नहीं। अब वह किसी के काम के काबिल नहीं।अब वह सम्मानीय नहीं।
इस व्यवहार की वजह से वह बीमार महसूस करने लगे हैं। दुखी मन के साथ जिंदगी बिता रहे हैं।और अब इन सब बातों का उनके स्वास्थ्य पर बहुत असर हो रहा है।
बुढापा उनकी ओर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।सिर्फ यह सोचने की वजह से।
पर सम्मान की जरूरत तो सभी को होती है। पिता को तो पूरी उम्र रहती है।
परंतु अब जमाना बदल गया है।और बच्चे इस बात के महत्व को नहीं मानते कि पिता का अनुभव उनसे ज्यादा है।
क्योंकि इस युग में हर चीज के मायने बदल गए। सम्मान के भी।
बच्चे चाहते हैं पहले आप उन्हें सम्मान दो।आप उन्हें एहसास दे कि वे ज्यादा सम्मानित हैं।तो वह आपसे शायद सलाह भी ले लें।
क्योंकि सम्मान तो हर आयु के स्त्री-पुरुष को चाहिए ।
इसका भी वही नियम है Give and Take सम्मान दो सम्मान लो।
पर सम्मान की जरूरत हम सबको है।चाहे बच्चा हो चाहे बड़ा हो।