अपडेट करने की तारीख: 6 फ़र॰ 2022

2020 को अलविदा करते हें ।
2021 का स्वागत करते हें । यह कविता मैंने इस साल की संवेदनाओं पर, व आने वाला साल पूरे विश्व के लिए अच्छा हो ।
सब स्वस्थ व खुशहाल हों ।
सबका व्यापार समृद्धि की और अग्रसर हो ।
भूल जाते हें 2020 के कोरोना काल को ,
स्वागत की योजना बनाते हें 2021 के नए साल को ।
भूल जाते हें हमने क्या खोया और क्या पाया ,
इतना ही काफी हें ,हमने अपनों को बचाया ।
हमने जिनको खोया ,इस साल बड़े अजीज थे ।
ना मिल पाए ,नया जा पाए ,हम कितने बदनसीब थे ।
भूल जाते हें ,हम अपने पैसों के नुकसान को ,
सिर्फ हम जिंदा हें ,काफी हें ,नया भूलना चाहिए इंसान को।
ना साथ हें किसी का , ना वह शादी ना पार्टियां ,
अभी तो यही याद हें ,हम जिंदा हें साथिया ।
नए साल में हर एक चाहे ,सब वैसा ना रहे ,
जो भुगता सबने इस साल ,कभी फिर वैसा ना रहे ।
आये नया साल लेकर ,एक नयी उम्मीद के साथ ,
फिर से मनाएं खुशियां मिलकर ,हम सब हों फिर साथ साथ ।
सबका काम और व्यापार ,रफ्तार पकडले फिर से ,
जैसा था कोरोना से पहले, वैसा ही हो फिरसे ।
वक्त का पहिया उस वक्त थमा ,वह फिर से दौड़ पड़े ,
ना आये ऐसा काल कभी ,ना रुकें कभी हम दौड़ पड़ें ।
इस साल ने हमें सिखाया ,सीमित रखें अपनी जरूरतें ,
थोड़े में गुजारा करना ,बदल लें हम अपनी आदतें ।
सारे खर्चे खत्म हो गए ,सस्ते में हो गई शादियाँ ,
याद रखें हमेशा इसको ,बचायें पैसों की बरबादियाँ ।
इस साल सबने सीख लिया ,जीना सादा तरीके से ,
आदत पड़ गयी अब तो ,सबको रहना अच्छे तरीके से ।
आने वाले साल में इम्यूनिटी का रखेंगे खयाल ,
फिर ना बोलेगी धावा ,कोई भी बीमारी रहेगा खयाल ।
नव वर्ष में रिश्तों को ,महत्व देकर समझेंगे ,
अनमोल हें ये रिश्ते ,इनसे सबके घर महकेंगे ।
नये वर्ष में जीवन की अनवरत दौड़ पर ध्यान देंगे ,
रुककर थोड़ा जरूर सोचेंगे ,ऐसे ही नहीं भागेंगे ।
सिर्फ पैसों को ही महत्व ना ,देने का प्रण लेंगे ।
सेहत को नंबर वन में और पैसों को नंबर दो देंगे।
बच्चे भी परेशान हें ,अब तक स्कूल ना जाने से ,
तंग और व्याकुल हें वह भी ,घर पर ही रह जाने से ।
शुरू हो उनका स्कूल जाना ,दिनचर्या फिर वैसी हो ,
फिर से मिलें सब दोस्त दोबारा से जिंदगी पहले जैसी हो ।